भाई दूज का पर्व इस साल 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह और रक्षा के वचन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं।
भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तिलक का शुभ समय: दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक
- द्वितीया तिथि आरंभ: 22 अक्टूबर 2025, रात 10:31 बजे
- द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर 2025, रात 8:59 बजे
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 23 अक्टूबर के दिन तिलक करना सबसे शुभ माना गया है क्योंकि सूर्योदय से लेकर पूरे दिन द्वितीया तिथि प्रभावी रहेगी।
भाई दूज का धार्मिक महत्व
भाई दूज को ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे। यमुना ने उनका आदरपूर्वक स्वागत किया, तिलक लगाया और भोजन कराया। प्रसन्न होकर यमराज ने आशीर्वाद दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे दीर्घायु और समृद्धि का वरदान मिलेगा। तब से यह परंपरा हर वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन मनाई जाती है।
पूजा विधि
- बहन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा की थाली में रोली, अक्षत, दीपक, नारियल, मिठाई और जल का पात्र रखें।
- भाई को आसन पर बिठाकर माथे पर तिलक लगाएं और आरती करें।
- भाई को मिठाई खिलाकर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करें।
- भाई अपनी बहन को उपहार या आशीर्वाद स्वरूप कुछ भेंट दे।