लखनऊ। अयोध्या में इस बार दिवाली से एक दिन पहले ऐतिहासिक 9वां दीपोत्सव मनाया गया। भक्ति और उल्लास के माहौल में सरयू तट पर 26 लाख 17 हजार 215 तेल के दीप जलाकर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। इस भव्य आयोजन की सराहना देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में की जा रही है।
हालांकि दीपोत्सव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कुछ लोग जले हुए दीयों से तेल इकट्ठा करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ अखिलेश ने लिखा —
“सच तो ये दृश्य हैं… वो नज़ारा नहीं जिन्हें दिखाकर लोग चले गए। रोशनी के बाद का ये अंधेरा अच्छा नहीं।”
अखिलेश के इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखा पलटवार किया। गोरखपुर में आयोजित विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा —
“अगर अखिलेश यादव ने प्रजापति समुदाय की पीड़ा को समझा होता, तो इतना बचकाना बयान नहीं देते। इसलिए कहा गया है कि गद्दी विरासत में मिलती है, बुद्धि नहीं। बुद्धि के लिए प्रयास करना पड़ता है।”
सीएम योगी ने आगे कहा कि कुछ लोगों का बचपना जीवनभर नहीं जाता। वे हमेशा ऐसी हरकतें करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पूछते हैं कि ‘दीप जलाने की आवश्यकता क्या है’, यानी उन्हें दीपावली और त्योहारों से नफरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों और कुम्हारों का अपमान कर रही है, क्योंकि दीपों में इस्तेमाल होने वाला तेल किसानों से आता है और मिट्टी के दीपक हमारे कुम्हार व प्रजापति समुदाय के लोग बनाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने इन समुदायों के हित में व्यवस्था की है कि अप्रैल से जून तक हर तालाब की मिट्टी को नि:शुल्क निकाला जा सके।