नई दिल्ली। 15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किला के प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। पीएम मोदी ने लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लाल किले से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा,भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। लाल किला के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। देशवासियों को पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है। भारत की नदियों से निकलता पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, मेरे देश के किसान और धरती पानी के बिना प्यासी है। ये ऐसा समझौता था जिसने पिछले 7 दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। हिंदुस्तान के हक का जो पानी है उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का और यहां के किसानों का है… किसान हित में राष्ट्र हित में ये समझौता हमें मंजूर नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सलाम करने का अवसर मिला है। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमापार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया, धर्म पूछकर लोगों को मारा गया। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमारी सेना ने वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी नहीं हुआ था। दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी मुख्यालयों को मिट्टी में मिला दिया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है, रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। अब हमने एक न्यू नॉर्मल प्रस्थापित किया है। आतंक को और आतंकियों को ताकत देने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे। भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु की धमकियों को अब हम सहने वाले नहीं है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान को साफ-साफ संदेश देते हुए कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे समय से चलता आ रहा है, लेकिन अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर हमारे दुश्मन भविष्य में भी ऐसी कोशिशें जारी रखते हैं, तो हमारे सशस्त्र बल अपनी शर्तों पर लक्ष्य तय करेंगे और हम उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।