नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद और पार्टी के कई सांसद सहित पड़ोसी देश नेपाल भी खड़ा खड़े हो गया है।
नूपुर शर्मा को यह समर्थन को उन्हें मिल रही धमकियों के बाद के चलते दिया जा रहा है। नूपुर शर्मा का सिर काटने की धमकियों से नाराज भाजपा सांसदों व संतों ने उन्हें समर्थन दिया है।

हरिद्वार में एकत्र हुए 200 से अधिक संतों ने नूपुर शर्मा और भाजपा के नवीन जिंदल का समर्थन किया। संतों का कहना था कि जिस तरह से विरोध के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा का सहारा लिया है, उससे हरिद्वार के अधिकांश संत नाराज हैं। अदालत नूपुर शर्मा के बयान पर फैसला करेगी कि क्या यह अभद्र भाषा थी?
हरिद्वार में संतों का कहना था कि टिप्पणी पर यदि किसी को कोई आपत्ति थी, तो अदालतें फैसला करेंगी और हिंसा के जरिए सड़कों पर मामले का फैसला नहीं किया जा सकता है।
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि भाजपा की ओर से नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को निलंबित करने के बाद जब कतर और कुवैत ने आपत्ति जताई उसके खिलाफ हमारी एकजुटता है। आतंकवादी संगठनों अल कायदा और तालिबान की धमकियों के बाद नूपुर शर्मा के पक्ष में समर्थन बढ़ा है।
उमा भारती और साध्वी प्रज्ञा ने नूपुर शर्मा के प्रति सहानुभूति जाहिर की है। उमा भारती ने कहा कि पार्टी ने उनके खिलाफ सही एक्शन लिया लेकिन हम उसे भेड़ियों के हवाले नहीं कर सकते। नूपुर शर्मा को मिल रही धमकियों पर उमा भारती ने कहा कि मुस्लिम नेताओं को भी उनके पक्ष में सबके साथ खड़ा होना चाहिए।
पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि नुपूर शर्मा ने माफी मांग ली इसके बाद भी उनके खिलाफ नफरत फैलाया जा रहा है। उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इतना सब कुछ होने के बाद भी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष उदारवादियों ने चुप्पी साध रखी है। वे बहरे हो गए हैं।
पड़ोसी देश नेपाल में सड़कों पर उतरे लोग
नूपुर शर्मा के समर्थन में नेपाल के कई शहरों में रैली निकाली गई है। नेपाल की राजधानी काठमांडू के अलावा बीरगंज, पीरगंज सहित कई अन्य शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और नूपुर शर्मा के लिए समर्थन जताया।