नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीली कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत के बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में वकील विशाल तिवारी ने एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल करते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। गुरुवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि अदालत इस याचिका पर विचार नहीं करेगी।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा था कि बच्चों की मौत लापरवाही की चरम सीमा है और इस मामले में गंभीर जांच और जवाबदेही तय की जानी चाहिए। लेकिन अदालत ने दलीलों पर विचार करने के बाद यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता पहले भी कई (लगभग 10) जनहित याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं।
केंद्र सरकार का पक्ष
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह याचिका केवल अखबारों में छपी खबरों पर आधारित है और याचिकाकर्ता के पास कोई ठोस दस्तावेज या सबूत नहीं हैं। ऐसे में अदालत को इस पर विचार नहीं करना चाहिए।
अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप उचित नहीं है और याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि, अदालत ने केंद्र और राज्यों से अपेक्षा जताई कि इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी और जवाबदेही तय की जाए।