नई दिल्ली। दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में 6 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के मुखिया यासीन मलिक की तबीयत बिगड़ गई है। उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जेल अधिकारियों के मुताबिक, मलिक को ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव को देखते हुए अस्पताल ले जाया गया है।
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को ड्रिप (नलियों) के जरिए लिक्विड डाइट दिया जा रहा था। मलिक ने रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने भूख हड़ताल शुरू कर दी। मलिक इस मामले में आरोपी है।
यासीन मलिक (56) ने शुक्रवार को सुबह भूख हड़ताल शुरू की थी। गौरतलब है कि तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के 8 दिसंबर, 1989 को हुए अपहरण से जुड़े मामले में यासीन मलिक आरोपी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के सामने पेश हुए मलिक ने कहा था कि वह रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना चाहता है। मलिक ने कहा था कि 22 जुलाई तक अगर सरकार ने इस संबंध में अनुमति नहीं दी, तो वह भूख हड़ताल शुरू करेगा।
मलिक को इस साल मई में दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में दोषी ठहराया था। मलिक को विभिन्न अवधि की कारावास की सजा सुनाई गई थी और सभी सजाएं एक साथ चल रही हैं।