पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार ने कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट-1961 की धारा 37 में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी किया है। नए नियम लागू होते ही अब राज्य की सभी कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटीज में प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए रजिस्ट्री कराना अनिवार्य हो गया है।
सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग सोसाइटी में प्रॉपर्टी की खरीद–फरोख्त, सदस्यता का ट्रांसफर और कब्जा बदलने जैसी सभी प्रक्रियाएं अब नए नोटिफिकेशन के अनुसार ही होंगी। अनुमान है कि इस निर्णय से राज्य सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है, जबकि हर साल अतिरिक्त इनकम भी प्राप्त होगी।
इस समय पंजाब में 630 कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटीज हैं, जिनके पास लगभग 60 हजार प्रॉपर्टीज शामिल हैं। नए संशोधित नियमों के तहत प्राइमरी अलॉटी को फ्लैट या प्लॉट की रजिस्ट्री पर कोई स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। वहीं, जिन ओरिजिनल अलॉटीज ने सेल डीड के जरिए प्रॉपर्टी खरीदी है और भविष्य में इसे बेचने का विचार रखते हैं, उन्हें स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में 50% की छूट मिलेगी—लेकिन यह छूट केवल तब मिलेगी जब रजिस्ट्रेशन 120 दिनों के भीतर कर दी जाए।
नया अमेंडमेंट लागू होने के बाद कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटीज अब किसी भी तरह के ट्रांसफर पर मनमानी फीस वसूल नहीं सकेंगी। सरकार का दावा है कि इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि प्रॉपर्टी ट्रांसफर की प्रक्रिया भी साफ और स्पष्ट हो जाएगी।