पंजाब विधानसभा के चुनाव के परिणाम स्थापित पार्टियों के लिए सुनामी साबित हुए हैं। मात्र आठ साल पुरानी आम आदमी पार्टी के पक्ष में आई सुनामी में ऐसे ऐसे दिग्गजों को धराशायी कर दिया है जिनके बारे में कहा जा रहा था कि वे अजेय हैं। नतीजों ने साफ कर दिया है कि भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे। वह शहीद-ए-आजम भगत सिंह की धरती खटकड़ कलां में शपथ लेंगे। पंजाब के लोगों ने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मॉडल की बजाए अरविंद केजरीवाल को एक मौका पर ज्यादा भरोसा किया। दूसरी ओर, चरणजीत सिंह चन्नी ने आज अपने कैबिनेट की बैठक बुलाई है और आज वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे।
आम आदमी पार्टी ने राज्य की 117 में से 92 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की है। हालांकि पार्टी शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठजोड़ काे 1997 में हासिल हुई 93 सीटों से एक कम रह गई लेकिन इसे एक सिंगल पार्टी की सबसे बड़ी जीत कहा जाएगा। इससे पहले कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में 77 सीटें जीतकर इसी तरह की जीत हासिल की थी।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों चमकौर साहिब और भदौड़ सीटें हार गए हैं। चन्नी कैबिनेट के मात्र छह मंत्री सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी, परगट सिंह, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और राणा गुरजीत सिंह ही अपनी सीटें बचा सके। मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री सीटें नहीं बचा सके।