राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच राजद नेता रोहिणी आचार्य के चप्पल से मारे जाने के दावे ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। रोहिणी ने कहा था कि उन्हें निशाना बनाया गया, और तेजस्वी यादव को इस पर स्पष्ट होना चाहिए।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि यह घटना सिर्फ रोहिणी आचार्य का नहीं, बल्कि “सनातन संस्कृति का अपमान” है। उन्होंने कहा, “बेटी, बहन और मां हमारी संस्कृति का सम्मान हैं। जहां बेटियों की आंखों से आंसू निकलते हैं, वहां सुख और शांति नहीं रहती। ऐसे कृत्यों का परिणाम हमेशा नाश और बर्बादी होता है।
लालू प्रसाद यादव की चुप्पी पर तीखी टिप्पणी करते हुए विजय सिन्हा ने कहा, “लालू प्रसाद यादव राजनीतिक रूप से जीवित नहीं बचे हैं। जिस घर में बेटी का अपमान हो, बड़े बेटे को निकाल दिया जाए, और जहां अस्वस्थ व्यक्ति को राजनीति में ज़बरदस्ती घसीटा जाए वह सब उनके कर्मों का परिणाम है। कांग्रेस द्वारा जारी एक पोस्ट पर भी विजय सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें लिखा था खुद की ताकत पर भरोसा करें, उधर की ताकत घातक होती है।’ इस पर उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने एनडीए पर अपना भरोसा जताकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को आत्मचिंतन का संदेश दिया है।
विजय सिन्हा ने आगे कहा,- “जो लोग सनातन पर चोट करते हैं, भगवान भास्कर और छठी मैया का अपमान करते हैं, वे आज खुद नौटंकी बन गए हैं। कांग्रेस के युवराज ने छठी मैया का अपमान किया, इसलिए उनकी शक्ति समाप्त हो गई। अब बिहार में राज उसी का होगा जो बिहारी सम्मान और सांस्कृतिक विरासत का आदर करेगा। बिहार की राजनीति में बढ़ती बयानबाज़ी और सांस्कृतिक मुद्दों पर टकराव आने वाले दिनों में और गर्माहट ला सकती है।