सलेमपुर (देवरिया)। कहते हैं मोहब्बत कुछ नहीं देखती। न जाति, न पारिवारिक बैकग्राउंड, न दान-दहेज। यही हुआ पीसीएस अफसर डा.भागीरथी सिंह के जीवन में। फेसबुक के जरिये दोस्ती बढ़ी। यह दोस्ती कब प्यार में तब्दील हुई, इसे खुद डा.भागीरथी सिंह भी नहीं जान सके।
युवती का व्यवहार उन्हें इस कदर भाया कि अपना हमसफर बना लिया। उनका यह निर्णय जातिवाद, दहेज प्रथा व फिजूलखर्ची के साथ कई सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार है। उनके निर्णय की चहुंओर प्रशंसा हो रही है।
नायब तहसीलदार हैं डा. भागीरथी सिंह
सलेमपुर तहसील में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात डा.भागीरथी सिंह ने बस्ती जिले की खुशबू चौधरी को जीवनसाथी बना लिया। उन्होंने उप निबंधन कार्यालय में उप निबंधक प्रतिमा के समक्ष शादी पंजीयन के लिए आवेदन किया।
डा.भागीरथी सिंह पिछड़ी जाति तो खुशबू अनुसूचित जाति की हैं। महराजगंज जिले के नगर पंचायत चौक के मैरवा टोला के रहने वाले डा. भागीरथी सिंह ने 2019 में पीसीएस परीक्षा पास की। उनकी पहली तैनाती सलेमपुर तहसील में हुई है।
2021 में फेसबुक से हुई मुलाकात
डा.भागीरथी सिंह के मुताबिक, बस्ती जिले के गिरही खुर्द मुहल्ले की रहने वाली खुशबू चौधरी से उनकी दोस्ती वर्ष 2021 में फेसबुक के जरिये हुई। उसके बाद दोनों में बातचीत का शुरू हुई। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया। डा.भागीरथी सिंह ने खुशबू के सामने शादी का प्रस्ताव रखा।
परिवारवाले नहीं थे तैयार
खुशबू के परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। जब डा.भागीरथी सिंह ने उनसे बातचीत की तो रजामंद हो गए। 12 मार्च को बस्ती जिले में दोनों परिवार के लोग मिले। एक दूसरे को करीब से जाना।
डा.भागीरथी सिंह ने खुशबू को अंगूठी पहनाया। जिसे शादी के रूप में दोनों ने स्वीकार कर लिया। सोमवार को उप निबंधन कार्यालय में शादी निबंधन के दौरान दोनों परिवार के लोग मौजूद थे।