लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज शनिवार को पत्र जारी कर शिवपाल यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को कहीं और जाने के लिए कहा। पत्र में कहा गया कि आपको जहां अधिक सम्मान मिले, आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
इसके कुछ ही देर बाद ओपी राजभर ने प्रेसवार्ता कर अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। अपने लहजे के लिए चर्चित राजभर ने हंस-हंसकर अखिलेश पर वार किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं किसी का गुलाम नहीं। बस दिक्कत ये है कि अखिलेश यादव को वही लोग पसंद हैं जो उनकी हां में हां मिलाएं। राजभर ने कहा कि मैं अखिलेश यादव के तलाक को कबूल करता हूं।
अखिलेश के तलाक को मैं स्वीकार करता हूं
राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव के तलाक को मैं स्वीकार करता हूं। इस तलाक के पीछे मौलाना संदीप भदौरिया, अरविंद सिंह और नरेश उत्तम पटेल समेत अखिलेश के नौ रत्न हैं। ये वही लोग हैं जो अपना बूथ तक नहीं जिता सकते। समाजवादी पार्टी किसी के साथ ज्यादा दिन नहीं रहती। ये न कांग्रेस के साथ ही टिक सके और न ही बसपा के साथ।
उनको सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए
पत्र जारी होने के बाद राजभर ने कहा कि मैं उनको सुझाव देता रहा लेकिन उनको मेरी यही बात बुरी लगी। उनको सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए। मैं आज भी कह रहा हूं कि वो पाल, प्रजापति और कश्यप किसी को भी पार्टी में जगह देना नहीं देना चाहते।
अगर मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलूं तो बुरा है लेकिन वो या उनके पिता मुलायम सिंह मिलें तो अच्छा है। मैं जिससे चाहता हूं उससे मिलता हूं। मेरे संबंधों पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। अगर कोई सोचे कि मैं वही करूं जो वो कहे तो ये नहीं हो सकता। मैं किसी का गुलाम नहीं हूं। राजभर ने कहा कि ईश्वर करे कि वो एसी से बाहर न निकलें। वह एसी घर में बने रहने के लिए है। दलितों व वंचितों की लड़ाई उनके बस की नहीं है।
2024 में देखना कितने लेटर जारी होंगे
मैंने दलितों-पिछड़ों की हिस्सेदारी मांगी लेकिन उन्होंने कभी गंभीरता से नहीं लिया। मैंने आजमगढ़ के लिए कई नाम सुझाए लेकिन उनको सिर्फ यादव और मुसलमान उम्मीदवार ही चाहिए था। राजभर ने कहा कि अभी तो दो ही लेटर जारी हुए हैं, 2024 का चुनाव आने दो फिर देखना कितने लेटर जारी होंगे।
बसपा के साथ बात फाइनल हुई तो सबको बता दूंगा
राजभर ने बसपा के साथ जुड़ने पर कहा कि अभी बात नहीं हुई है। जब बात फाइनल हो जाएगी मैं सबको बता दूंगा। अभी मेरी शिवपाल यादव से बात नहीं हुई है। जैसे ही बात होगी मैं भविष्य की रणनीति बताऊंगा।
हिस्सेदारी मांगेंगे तो जुबान काट ली जाएगी
राजभर ने कहा कि सपा में कोई भी नेता दलितों-पिछड़ों की बात नहीं कर सकता। अगर कोई हिस्सेदारी मांगेगा तो जुबान काट ली जाएगी। विधानसभा चुनाव और लोकसभ चुनाव में मैंने पिछड़ों के लिए हिस्सेदारी मांगी लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया। मेरी बात उनको नागवार लगी उसी का नतीजा है कि आज तलाक हो गया।
उन्होंने कहा कि सियासत का रूप बदलता रहता है। पहले भी भाजपा व पीडीपी एक साथ गठबंधन कर चुके हैं। सपा के कितने विधायक उनके संपर्क में हैं। इस बात को वह हंसी में टाल गए।