मोगा जिले का रनसिह कला गांव आज पूरे देश में उदाहरण बनकर उभरा है—और इसके पीछे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दृढ़ नीतियों और किसानों की साझी भागीदारी का बड़ा योगदान है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांव का दौरा करने के बाद कहा कि पंजाब ने पराली प्रबंधन में जो मॉडल विकसित किया है, वह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। यह मान्यता साफ संकेत देती है कि मान सरकार ने पराली जैसी कठिन चुनौती को अवसर में बदलकर राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है।
छह वर्षों से शून्य पराली जलाना—रनसिह कला का रिकॉर्ड
रनसिह कला गांव पिछले छह वर्षों से एक भी पराली जलाने की घटना दर्ज नहीं होने वाला मॉडल ग्राम बन चुका है। यह उपलब्धि साबित करती है कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों को मशीनरी, प्रोत्साहन, वैज्ञानिक तकनीक और निरंतर प्रशिक्षण देने की नीति जमीन पर प्रभावी साबित हुई है। चौहान की सार्वजनिक प्रशंसा ने इस मॉडल को और मजबूत समर्थन प्रदान किया है।
केंद्रीय मंत्री ने लिया ग्रामीण सत्कार का अनुभव
गांव में ‘मक्की दी रोटी’ और ‘सरसों दा साग’ का स्वाद लेते हुए चौहान ने पंजाब की मेहमाननवाज़ी और भगवंत मान सरकार की ग्रामीण नीतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन का असली, व्यवहारिक और सफल मॉडल पंजाब में ही देखने को मिलता है।
गांव में विकास की बहुआयामी पहलें
रनसिह कला केवल पराली मुक्त गांव ही नहीं, बल्कि विकास का भी आदर्श मॉडल है। पंजाब सरकार की प्रेरित पहलों ने गांव को हर दृष्टि से सशक्त बनाया है, इनमें शामिल हैं—
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पराली न जलाने पर किसानों को नकद प्रोत्साहन,
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फलदार पौधों की रोपाई को बढ़ावा,
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लाइब्रेरी के माध्यम से पठन संस्कृति को प्रोत्साहन,
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प्लास्टिक-फ्री गांव अभियान,
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रेन वॉटर हार्वेस्टिंग,
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नशामुक्ति कार्यक्रम।
ये प्रयास दर्शाते हैं कि मान सरकार गांवों को केवल कृषि ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से भी मजबूत बना रही है।
83% तक घटी पराली जलाने की घटनाएं
इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में 83 प्रतिशत की ऐतिहासिक कमी दर्ज की गई है—यह वही पंजाब है जिसे वर्षों तक पराली के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। आज यही राज्य केंद्र सरकार के मंत्री द्वारा ‘सफल मॉडल’ के रूप में सराहा जा रहा है। यह उपलब्धि पंजाब सरकार की नीतियों और किसानों की सक्रिय भूमिका का संयुक्त परिणाम है।
खेती की उत्पादकता भी बढ़ी
रनसिह कला का अनुभव किसानों की उन चिंताओं को दूर करता है कि पराली न जलाने से गेहूं की बुवाई प्रभावित होगी। यहां
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मिट्टी की उर्वरता बढ़ी,
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रासायनिक उर्वरकों में 30% तक कमी आई,
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खेतों में पर्यावरणीय संतुलन सुधरा।
यह मॉडल साबित करता है कि मान सरकार की पहलें पर्यावरण के साथ-साथ खेती को अधिक उत्पादक और लाभदायक भी बना रही हैं।
पंजाब मॉडल को देशभर में अपनाने की अपील
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे इस सफलता मॉडल को देश के अन्य राज्यों तक ले जाना चाहते हैं। यह पंजाब सरकार के लिए बड़ा सम्मान है और इस बात का प्रमाण भी कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कृषि नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और सतत ग्रामीण विकास की दिशा में देश को नई राह दिखा रहा है।