मथुरा। मथुरा के जिला जज राजीव भारती की अदालत द्वारा आज श्री कृष्ण जन्म स्थान ईदगाह प्रकरण के सबसे पहले पेश किए गए वाद को एडमिट कर लिया गया है। वाद की स्वीकारोक्ति को लेकर जिला जज की अदालत में रिवीजन में सुनवाई चल रही थी।
बता दें रंजना अग्निहोत्री सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता हैं तथा राम जन्मभूमि अयोध्या प्रकरण में भी उनके द्वारा अदालत में वाद संस्थित किया गया था। इस मामले में डीजीसी शिवराम तरकर ने बताया कि वाद को एडमिट कर लिया गया है। जिला जज अब किस कोर्ट को सुनवाई के लिए यह प्रकरण देंगे, अभी फैसला नहीं लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.3 7 एकड़ जमीन पर दावा किया गया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि यह जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान की है और जहां पर शाही ईदगाह खड़ी है, वहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान और मंदिर का गर्भ गृह है।
वाद की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि न्यायालय ने बहस के बाद संबंधित निर्णय को रिजर्व कर लिया। बृहस्पतिवार को निर्णय दिया गया।
वाद किया था पेश
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री द्वारा अदालत में पेश वाद में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को श्री कृष्ण विराजमान की संपत्ति माना है और उन्होंने अदालत से कहा है कि यह संपत्ति श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपी जानी चाहिए। वह खुद श्रीकृष्ण विराजमान की भक्त बन कर सामने आई हैं।
अदालत में सबसे पहले इस संबंध में वाद पेश करने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता द्वारा पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट तथा शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित पदाधिकारियों के बीच में समझौते को गलत बताया।
5 मई को हुई थी बहस
5 मई को वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन तथा अन्य द्वारा जिला जज की अदालत में बहस की गई। शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा।
दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद जिला जज राजीव भारती ने निर्णय को रिजर्व करते हुए निर्णय के लिए 19 मई तय की थी। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अदालत में हमने अपना पक्ष रखा है।