सोमवार 23 मई की देर शाम दैत्यगुरु शुक्र अपनी शत्रु राशि मेष में प्रवेश कर गए। शुक्र की दो राशियां हैं- वृष और तुला। भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा इनके नक्षत्र हैं।
शुक्र संगीतज्ञ, नाटककार, गायक, फिल्मकार, चित्रकार, राजनेता और वाहन सम्बंधी कार्य करने वाला बनाते हैं। भृगु ऋषि इनके पिता हैं। इनकी दो पत्नियां- पितरों की पुत्री गो और देवराज इंद्र की पुत्री जयंती हैं।
अपने शत्रु देवगुरु वृहस्पति की मीन राशि में जाकर शुक्र सर्वाधिक बल प्राप्त करते हैं। कन्या राशि में इनकी कमजोर स्थिति मानी जाती है। इनकी मित्रता बुध, राहु और शनि से है।
प्रेम विवाह की सफलता और असफलता में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। यह वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुंभ लग्न वालों को बड़ा अच्छा फल प्रदान करते हैं। इन्हें इन लग्नों में राजयोग कारक माना जाता है।
आइये जानते हैं सभी राशियों पर शुक्र के राशि परिवर्तन के प्रभाव को-
मेष: सब प्रकार का भोग-विलास उपलब्ध होगा। उपहार आदि मिलेंगे।
वृष: धन आता रहेगा। उपहार, लोन आदि मिल सकता है।
मिथुन: कोई भय हो सकता है। धन सम्बंधी विवाद हो सकता है।
कर्क: कार्यस्थल पर और परिजनों में कलह पैदा हो सकती है।
सिंह: पर्यटन करेंगे तो भोगविलास की सभी सामग्रियां उपलब्ध रहेंगी। सुख मिलेगा।
कन्या: संपत्ति मिल सकती है। उधार दिया धन वापस मिल सकता है।
तुला: विपरीत लिंग से सावधान रहें। भोग-विलास में बाधा की आशंका।
वृश्चिक: प्रेम सम्बंध टूटेंगे या गलतफहमियां पैदा होंगी। विपरीत लिंग से अच्छा व्यवहार करें।
धनु: संतान प्राप्त हो सकती है। उच्च-शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति मिलनी संभव। संतान से सुख रहेगा।
मकर: सुख में वृद्धि होगी। वाहन सुख मिलेगा। मित्रों की संख्या बढ़ेगी।
कुंभ: धन वृद्धि की प्रबल संभावना है। यात्रा लाभदायक रहेगी।
मीन: धन में वृद्धि होगी। परिजनों के साथ समय व्यतीत होगा।