वाशिंगटन। यह जानकारी होते हुए भी कि प्लास्टिक से पर्यावरण को कितना नुकसान होता है और इसे रिसाइकल करना बेहद मुश्किल है हर व्यक्ति इसका इस्तेमाल करता है, लेकिन अब इस समस्या का समाधान अमेरिका के वैज्ञानिकों ने ढूंढ़ निकाला है।
एक प्लास्टिक को मिट्टी में मिलने में 20 से 500 तक का समय लगता है। इस प्लास्टिक से पर्यावरण तो प्रभावित होता ही है, ये लोगों के सेहत के लिए भी काफी हानिकारक है। प्लास्टिक का मिट्टी में रिसाइकल होना बहुत मुश्किल है।
जिससे पृथ्वी को बहुत नुकसान होता है, लेकिन अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के वैज्ञानिकों ने इस समस्या का हल ढूंढ़ निकाला है। इन्होंने एक ऐसा एंजाइम बनाया है, जो प्लास्टिक को खाकर सिर्फ एक हफ्ते में ही डीकंपोज कर सकता है।
यह रिसर्च नेचर जर्नल में प्रकाशित हुई है। इस एंजाइम को बनाने के लिए मशीन लर्निंग का प्रयोग किया गया है। यह एंजाइम एक तरह का प्रोटीन है, जो बायोलॉजिकल प्रोसेस को तेज करने वाला कैटालिस्ट है।
रिसर्च के मुताबिक पॉलिमर पॉलिथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET) से बने उत्पादों को एंजाइम प्लास्टिक को एक सप्ताह में ही तोड़ देता है। कुछ को टूटने में केवल 24 घंटे का समय लगा है।
PET दुनिया के 12% कचरे का जिम्मेदार है। ये वे पदार्थ है जिसे प्राकृतिक रुप से नष्ट होने में सदियां लगती है। यह एंजाइम PET को कुछ ही दिनों में डीकंपोज कर देता है और प्लास्टिक को पहले की तरह इस्तेमाल करने लायक बना देता है।
प्लास्टिक को जल्दी डिकंपोज करने के लिए 2005 से अब तक 19 एंजाइम बनाए जा चुके है। इस रिसाइकल से बने प्लास्टिक को वर्जिन प्लास्टिक नाम दिया गया है।