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जानिए क्यों खाए जाते हैं मकरसंक्रांति पर तिल के लड्डू, वजह है हैरान कर देने वाली!

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नई दिल्ली। मकरसंक्रांति का त्यौहार जप, तप, श्राद्ध, दान, स्नान, तर्पण का पर्व है। इस बार भी ये पर्व 14  जनवरी को मनाया जायेगा। कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर किया गया दान अक्षय फलदायी होता है, अर्थात इस दिन किए गए दान का फल सौ गुना होकर मिलता है।

अधिकांश लोगों का मानना है,कि त्योहारों में तला भुना खाकर अपनी सेहत को खराब कर लेते हैं। तो आइये जानते हैं, मकरसंक्रांति में क्यों खाए जाते हैं तिल-गुड़ के लड्डू…

तिल-गुड़ के लड्डू- मकर संक्रांति के समय तिल के लड्डू घर  घर बनाए जाते हैं। तिल के लड्डू पेट के लिए बहुत गुणकारी होते हैं, ये कब्ज, गैस और एसिडटी को खत्म करते हैं।  ठंड के मौसम में ये लड्डू शरीर में आवश्यक गर्माहट पैदा करने में विशेष रूप से सहायक है।

महिलाओं से सम्बंधित परेशानियों में भी ये लड्डू लाभकारी होते है। पाचन में मदद करते है और शरीर में खून की मात्रा को  भी बढ़ाते हैं। ये बालों एवं त्वचा के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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