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कबाड़ी ने खरीदे 3 हैलीकॉप्टर, देखने वालों लगी भीड़

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नई दिल्ली। पंजाब के मानसा में रहने वाले कबाड़ी ने भारतीय सेना से 6 कंडम हेलिकॅाप्टर खरीदे हैं। इस बात की जानकारी मिलते ही यहां आसपास के लोगों की भीड़ वहां इक्ट्ठा हो गई। हेलिकॅाप्टर का वजन 10 टन  बताया जा रहा है।

इन हेलिकॅाप्टर में से एक मुंबई की पार्टी ने खरीदा जबकि दो हेलिकॅाप्टर लुधियाना के होटल मालिक ने खरीद लिये। बाकी के तीन हेलिकॅाप्टर मानसा में खड़े लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए है।

पंजाब में कबाड़ का सामान रखने में मिट्ठू कबाड़िया जाना-माना नाम हैं। भारतीय वायु सेना से कबाड़ में से जब मिट्ठू कबाड़िया तीन हेलिकॅाप्टर खरीद कर मानसा पहुंचा। तो उसे देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

जहां एक तरफ ये लोगों के आकर्षण का केंद्र बना। वही दूसरी ओर ये कबाड़ी परिवार के लिए लाभ का सौदा है क्योंकि होटलों और टूरिस्ट प्लेसेस पर खड़ा कर ये लोगों को आने के लिए मजबूर कर रहा हैं।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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