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प्रादेशिक

’महिलाओं का स्वास्थ्य’’ विषय पर उ.प्र. राज्य महिला आयोग में आयोजित हुआ जागरुकता कार्यक्रम

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लखनऊ। उ.प्र. राज्य महिला आयोग में ’’महिलाओं का स्वास्थ्य’’ विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती विमला बाथम की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यशाला का शुभारम्भ आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती विमला बाथम एवं उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित डाॅ. सरिता सक्सेना अधीक्षिका अवन्ती बाई महिला चिकित्सालय लखनऊ ने उपस्थित होकर प्रदेश के जिला महिला चिकित्सालयों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी उपलब्ध व्यवस्थाओं एवं महिलाओं हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी।

डाॅ. सरिता सक्सेना द्वारा जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, सम्पूर्णा क्लीनिक तथा वैक्सीनेशन कार्यक्रम की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम में डाॅ. सक्सेना द्वारा उपस्थित आयोग के पदाधिकारियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में उ.प्र. राज्य महिला आयोग के पदाधिकारियों की मासिक बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्ष द्वारा मासिक बैठक में माह जून 2021 में आयोग पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों के महिला चिकित्सालयों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निरीक्षण के कार्यों की समीक्षा की गयी। बैठक में आयोग द्वारा आगामी माह में किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया।

सदस्य सचिव श्रीमती अर्चना गहरवार द्वारा बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद कर बैठक का समापन किया गया। कार्यक्रम/बैठक में उ.प्र. राज्य महिला आयोग की मा. अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम, मा. उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह तथा मा. सदस्यगण   श्रीमती अनीता सिंह, श्रीमती सुमन चतुर्वेदी, श्रीमती इन्द्रवास सिंह, श्रीमती सुनीता बंसल, श्रीमती निर्मला द्विवेदी, श्रीमती राखी त्यागी, श्रीमती निर्मला दीक्षित, श्रीमती मीना कुमारी, डाॅं. कंचन जायसवाल, श्रीमती प्रभा गुप्ता, श्रीमती पूनम कपूर, श्रीमती मनोरमा शुक्ला, सुश्री ऊषारानी, श्रीमती अनीता सचान, श्रीमती कुमुद श्रीवास्तव, श्रीमती रामसखी कठेरिया, श्रीमती संगीता तिवारी, श्रीमती सुमन सिंह, श्रीमती अंजू प्रजापति, श्रीमती अर्चना, श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल, श्रीमती रंजना शुक्ला, वित्त एवं लेखाधिकारी सुश्री स्वाती वर्मा एवं डाॅ. सरिता सक्सेना चिकित्सा अधीक्षिका सहित अन्य गणमान्य पदाधिकारी/अधिकारी उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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