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प्रादेशिक

योगी सरकार का बड़ा फैसला, प्रदेश के हर सीएचसी और पीएचसी हेल्‍थ एटीएम की सुविधा से होंगे लैस

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लखनऊ। प्रदेश के हर सीएचसी और पीएचसी हेल्‍थ एटीएम की सुविधा से लैस होंगे। राज्‍य सरकार ने प्रदेश के सभी सीएचसी और पीएचसी में हेल्‍थ एटीएम लगाने जा रही है। लोग इन मशीनों के जरिये खुद अपने स्‍वास्‍थ्‍य की जांच कर सकेंगे। ब्‍लड प्रेशर, पल्‍स रेट, टेंप्रेचर और आक्‍सीजन के साथ शरीर से जुड़ी तमाम चीजों की जांच मुफ्त में हो सकेगी।

प्रदेश सरकार ने लोगों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा देने के लिए राज्‍य सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी की पहल पर शुरू हो रही इस योजना का सबसे ज्‍यादा लाभ ग्रामीण और कस्‍बों में रहने वाले लोगों को मिलने जा रहा है। इन अत्याधुनिक मशीनों के जरिये लोग बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा और वजन सहित कुल 59 तरह की स्‍वास्‍थ्‍य जांच कर सकेंगे।

विशेषज्ञों के मुताबिक‍ि डॉक्टर डेली कंसलटेंसी के माध्यम से सीधे हेल्थ एटीएम से जुड़े होंगे। जांच कराने वाले लोगों को चिकित्‍सक सलाह भी देंगे। हेल्‍थ एटीएम में ओपीडी जैसी सुविधा मिलेगी। बीमारी के हिसाब से डाइट चार्ट, मेंटल स्ट्रेस कम करने के तरीके भी चिकित्‍सक रिपोर्ट के आधार बताएंगे। हेल्‍थ एटीएम मशीनों के लग जाने से लोगों को जहां जांच की सुविधा मिलेगी वहीं अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति उनमें जागरूकता भी बढ़ेगी।

कोरोना जैसी महामारी के दौर में योगी सरकार के इस कदम को लोगों के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है। हेल्‍थ एटीएम मशीनों को एटीएम की तर्ज पर सार्वजनिक स्‍थानों पर लगाया जाएगा। हेल्‍थ एटीएम की देखरेख और बेहतर संचालन के लिए तकनीशियनों की तैनाती की जाएगी। प्रशिक्षण के बाद तकनीशियनों को तैनात किया जाएगा। राज्‍य सरकार इस योजना के जरिये जहां एक तरफ बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य पर काम कर रही हैं वहीं दूसरी ओर तकनीशियनों की तैनाती से रोजगार की एक नई राह भी खोलने जा रही है। सीएम योगी ने अफसरों को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कई औद्योगिक समूहों ने ‘हेल्थ एटीएम’ उपलब्ध कराने की इच्‍छा सरकार से जताई है। सीएम योगी ने ऐसे सभी लोगों से संपर्क कर इस अभियान में सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं।

हेल्‍थ एटीएम में होगी सेहत से जुड़ी 59 तरह की जांच

हेल्‍थ एटीएम अगली पीढ़ी का हेल्थकेयर डिलीवरी प्लेटफॉर्म है । तत्‍काल इलाज के लिए यह टेलीकंसल्टेशन और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को तकनीक के माध्‍यम से जोड़ती है। हेल्‍थ एटीएम के जरिये बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा, वजन सहित कुल 59 पैरामीटर की जांच कर सकते हैं। तत्काल बॉडी स्क्रीनिंग के लिए 16 पैरामीटर की जांच हो सकेगी। लाइफ स्‍टाइल से जुड़ी जांच जैसे ग्लूकोज, हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल आदि की भी जांच की जा सकेगी। कई तरह के रैपिड टेस्ट, यूरिन टेस्‍ट, गर्भावस्था, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, एचआईवी के साथ ही 12 लीड ईसीजी, डिजिटल स्टेथोस्कोप, डर्मास्कोप, ओटोस्कोप जैसे टेस्‍ट भी किए जाएंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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