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प्रादेशिक

पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह बीजेपी में शामिल

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नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री और पंजाब के चुनाव प्रभारी हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।

भाजपा में शामिल होने के बाद सिंह ने कहा कि उनके दादा की इच्छा पूरी हुई। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम एवं राष्ट्र मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी एवं प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह भी उपस्थित थे।

पार्टी में सिंह का स्वागत करते हुए गौतम ने कहा कि वह पंजाब और देश भर में सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के काम पर प्रकाश डालते हुए गौतम ने कहा, मोदी सरकार ने 1984 के दंगा पीड़ितों और करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए न्याय सुनिश्चित किया है।

पुरी ने पंजाब और देश के बाकी हिस्सों में सिंह द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों की सराहना की और कहा कि वह पार्टी को मजबूत करेंगे और भाजपा उनके सामाजिक कार्यों को मजबूत करेगी।

पुरी ने उल्लेख किया कि पंजाब में कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की कई योजनाओं को लागू नहीं किया है। पुरी ने कहा, पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना या आयुष्मान योजना लागू नहीं की है।

सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति का इलाज नहीं करने के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा। सिंह ने कहा, मेरे दादाजी के तकलीफ में होने के बावजूद जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ व्यवहार किया, उससे मुझे दुख हुआ।

उन्होंने कहा, जब मैंने राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की, तो मेरे दादाजी ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से आशीर्वाद लेने के लिए कहा। जब भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, मैंने पार्टी में शामिल हुए बिना भाजपा के लिए प्रचार किया था।

आज मेरे दादा मुझे खुशी होगी कि मैंने भाजपा में शामिल होने का सही फैसला लिया।पार्टी नेताओं का मानना है कि सिंह के भगवा खेमे में शामिल होने से अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार को बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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