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प्रादेशिक

यूपीः बीते 24 घंटे में हुए 1.82 लाख टेस्ट, 68 जिलों में नहीं मिले नए मरीज

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लखनऊ। प्रदेश में कोविड की रोकथाम के लिए जारी एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। यूपी में कोरोना संक्रमण किस कदर कमजोर पड़ चुका है इसका अंदाजा बीते 24 घंटों में हुई टेस्टिंग से सहज ही लगाया जा सकता है। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 82 हजार 742 सैम्पल टेस्टिंग में मात्र 11 नए मरीज मिले। इसी अवधि में 15 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। ताजा स्थिति के मुताबिक प्रदेश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 194 रह गई है। प्रदेश के 31 जिलों में कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। विगत दिवस हुई कोविड टेस्टिंग में 68 ज़िलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं मिला। यही नहीं, टेस्टिंग और टीकाकरण में नम्बर देश में नंबर एक यूपी में अब तक 07 करोड़ 65 लाख 27 हजार से अधिक सैम्पल की कोविड जांच की जा चुकी है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 16 लाख 86 हजार 599 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

संक्रमण की न्यूनतम दर पर सन्तोष जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के बीच जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। देश के अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश में स्थिति बहुत बेहतर है। यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है। उत्तर प्रदेश में कोविड टीकाकरण के लिए पात्र लोगों में से 50 फीसदी से ज्यादा लोगों को टीके की पहली डोज मिल गई है। यूपी में 18 वर्ष से अधिक आयु की कुल आबादी करीब 15 करोड़ है, इसमें से 07 करोड़ 79 लाख लोगों ने अब तक टीके की पहली डोज ले ली है, जबकि ताजा आंकड़ों के मुताबिक 01 करोड़ 68 लाख से अधिक लोगों को दोनों डोज लग चुकी है।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश 09 करोड़ 42 लाख से अधिक वैक्सीन लगाने वाला पहला राज्य है। सीएम ने दूसरी डोज के लिए पात्र लोगों के समय से टीकाकरण कराने के निर्देश दिए। कोविड की ताजा स्थिति के अनुसार अलीगढ़, अमरोहा, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बागपत, बलिया, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, एटा, फर्रुखाबाद, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज, महोबा, मीरजापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रामपुर, सहारनपुर, शामली, श्रावस्ती और सुल्तानपुरमें कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। इन जिलों में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम हो गया है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है।

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सर्वाधिक टीकाकरण वाले शीर्ष 05 राज्य
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राज्य—————टीकाकरण
1- उत्तर प्रदेश – 9.47 करोड़
2- महाराष्ट्र – 07.39 करोड़
3- मध्य प्रदेश – 05.78 करोड़
4- गुजरात – 05.68 करोड़
5- राजस्थान-05.36 करोड़

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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