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अन्तर्राष्ट्रीय

पैंडोरा पेपर्स में सामने आया सचिन तेंदुलकर का नाम, वकील ने कही ये बात

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का नाम पैंडोरा पेपर्स की जांच में लिया गया है, जो विदेशी कंपनियों, गुप्त बैंक खातों, निजी जेट, नौकाओं, हवेली और यहां तक कि पाब्लो पिकासो, बैंक्सी और अन्य मास्टर्स की कलाकृतियों के गुप्त मालिकों का पदार्फाश करता है।

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ तेंदुलकर ही नहीं, बल्कि पॉप संगीत दिवा शकीरा, सुपर मॉडल क्लाउडिया शिफर और एक इटालियन मॉबस्टर भी विदेशी संपत्ति के गुप्त दस्तावेज रखे वाले लोगों में शामिल है।

हालांकि तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि क्रिकेट खिलाड़ी का निवेश वैध है और कर अधिकारियों को इसकी घोषणा कर दी गई है। शकीरा के वकील ने कहा कि गायिका ने अपनी कंपनियों की घोषणा की, जिसके बारे में वकील ने कहा कि कर लाभ प्रदान न करें। शिफर के प्रतिनिधियों ने कहा है कि सुपरमॉडल ब्रिटेन में अपने करों का सही भुगतान करती हैं, जहां वह रहती हैं।

आईसीआईजे ने 1.19 करोड़ से अधिक गोपनीय फाइलों का भंडार प्राप्त किया और 150 समाचार आउटलेट्स के 600 से अधिक पत्रकारों की एक टीम का नेतृत्व किया, जिन्होंने दो साल तक उनके माध्यम से छानबीन की। पैंडोरा पेपर्स मीडिया जगत के 600 से ज्यादा पत्रकारों की वित्तीय सेवाओं से 1.19 करोड़ दस्तावेजों की जांच पर आधारित है। आईसीआईजे ने हार्ड-टू-फाइंड (मुश्किल से मिलने वाले) स्रोतों को ट्रैक किया और अदालत के रिकॉर्ड और दर्जनों देशों से अन्य सार्वजनिक दस्तावेजों की भी जांच-पड़ताल की।

अधिकांश देशों में, संपत्ति का अपतटीय यानी विदेश में होना या राष्ट्रीय सीमाओं के पार व्यापार करने के लिए शेल कंपनियों का उपयोग करना अवैध नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले व्यवसायी कहते हैं कि उन्हें अपने वित्तीय मामलों के संचालन के लिए अपतटीय कंपनियों की आवश्यकता है।

लेकिन इन मामलों में अक्सर उच्च-कर वाले देशों से मुनाफे को स्थानांतरित करने की राशि होती है, जहां वे कम-कर क्षेत्राधिकार में केवल कागज पर मौजूद कंपनियों के लिए अर्जित किए जाते हैं।

आईसीआईजे ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों के लिए अपतटीय आश्रयों का उपयोग विशेष रूप से विवादास्पद है, क्योंकि उनका उपयोग राजनीतिक रूप से अलोकप्रिय या यहां तक कि अवैध रखने के लिए किया जा सकता है।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का नाम अचानक से गलत वजह से सुर्खियों में आने से हड़कंप मच गया है। पैंडोरा पेपर्स के नाम से लीक हुए करोड़ों दस्तावेज में भारत समेत अन्य कई देशों के वर्तमान एवं पूर्व नेताओं, अफसरों और विख्यात हस्तियों के वित्तीय रहस्यों को उजागर करने का दावा किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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