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प्रादेशिक

यूपीः मिशन शक्ति तीसरे चरण में अब तक 22 लाख से अधिक लोगों को किया गया जागरूक

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लखनऊ। दूसरे प्रदेशों के मुकाबले सर्वाधिक आबदी वाले प्रदेश यूपी ने महिलाओं और बेटियों की हक की आवाज को सुनते हुए उनके लिए न सिर्फ लाभाकारी योजनाओं को प्राथमिकता से लागू किया बल्कि उनके लिए वृहद् अभियान का संचालन भी किया। प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के लिए ये अभियान वरदान साबित हुआ है। साल 2017 से पहले बढ़ते महिला अपराधों के आंकड़े और महिलाओं बेटियों से जुड़ी सुविधाएं व योजनाएं न के बराबर थी वहीं साल 2017 के बाद योगी सरकार ने महिलाओं व बेटियों के हित में कई बड़े फैसले लिए हैं। आज न सिर्फ अभियान से उनको जागरूक किया जा रहा है बल्कि सरकार की योजनाएं उन तक सीधे तौर पर विभाग पहुंचा रहा है।

महिला कल्‍याण विभाग की ओर से मिशन शक्ति अभियान के पहले व दूसरे सफल चरणों के बाद तीसरे चरण का सफल क्रियान्वयन प्रदेश में कराया जा रहा है। पहले चरण से लेकर अब तक यूपी के 8,72,66,809 लोगों को जागरूक किया जा चुका है। मिशन शक्ति तीसरे चरण के तहत अब तक 22 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया जा चुका है।

रोजगार के नए अवसरों की मिल रही जानकारी

इस अभियान के तहत सरकारी व गैर सरकारी संस्‍थाओं की टीमों द्वारा ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को रोजगार से जुड़े नए अवसरों की जानकारी दी जा रही हैं। जिसके तहत उनको लघु व कुटीर उद्योग, जैविक खेती, मास्‍क बनाने संग ड्रेस व डिजाइनर ज्‍वैलरी से जुड़े कामों को सिखाया जा रहा है। महिलाएं भी उत्‍साह संग इन कार्यों को सीख रही हैं। मिशन शक्ति अभियान के तहत विभाग की ओर से महिलाओं व बेटियों को स्‍वावलंबी बनाने के कार्य पर बल दिया जा रहा है।

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत समस्त कल्याणकारी तथा संरक्षण संबंधी योजनाओं को उत्तर प्रदेश की अंतिम महिला तक पहुंचाने हेतु महिला कल्याण विभाग प्रतिबद्ध है। इस मिशन के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव देखने को मिल रहें हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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