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प्रादेशिक

सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए ये महत्वपूर्ण फैसले

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

शैक्षिक वर्ष 2021-22 में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की धनराशि छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डी0बी0टी0) किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति

निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग के लिए 01 करोड़ 60 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से लगभग 1800 करोड़ रु0 की धनराशि अन्तरित की जाएगी

मंत्रिपरिषद ने शैक्षिक वर्ष 2021-22 में प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की धनराशि छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डी0बी0टी0) किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल-बैग उपलब्ध कराया जाना वचनबद्ध देयता है।
डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि हस्तान्तरण के फलस्वरूप, निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित हो सकेगी तथा हस्तान्तरित धनराशि का ऑडिट ट्रेल रहेगा। विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों को एक साथ ही उक्त चारों सुविधाएं-यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग एवं स्वेटर उपलब्ध हो सकेंगी। इससे स्थानीय स्तर पर बाजार विकसित होगा, जिसके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। छात्र-छात्राओं को समय से सुविधाएं उपलब्ध होने से उनकी उपस्थिति एवं सीखने-सिखाने के वातावरण में सुधार होगा। और कक्षा के अनुसार दक्षता प्राप्त करने हेतु अधिक अवसर मिल सकेगा। माता/पिता/अभिभावकों को यह स्वतंत्रता होगी कि बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा अपनी संतुष्टि के अनुसार क्रय कर सकेंगे।
इस व्यवस्था से राज्य, जनपदीय एवं ब्लॉक स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया से मुक्त होकर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने की स्थिति में होंगे।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान समय में कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म केन्द्र एवं राज्य सरकार के बजट से तथा जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग राज्य सरकार के बजट से निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। निःशुल्क यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग की व्यवस्था भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं से की जाती है। इससे छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की ससमय आपूर्ति एक चुनौती बनी रहती है तथा गुणवत्ता के सम्बन्ध में कभी-कभी शिकायतें भी प्राप्त होती हैं। इसके दृष्टिगत मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग के लिए 01 करोड़ 60 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से लगभग 1800 करोड़ रुपये की धनराशि अन्तरित की जाएगी।

 

उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत नीति के प्रस्तर 6.2.1, प्रस्तर 6.2.2, प्रस्तर 6.2.3.2, एवं प्रस्तर 6.2.3.3 में संशोधन अनुमोदित किया गया है।
उत्तर प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर किसानों के उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 प्रख्यापित है। कृषकों के हित में कृषि उत्पादों के निर्यात को सरल एवं सुगम बनाने के लिए नीति में विभिन्न संशोधन किये गये हैं।
उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 में निर्यात क्लस्टर्स हेतु निर्धारित न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि की उपलब्धता 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता में होने के कारण, निर्यात आधारित कृषक क्लस्टर के निर्माण में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता को समाप्त करते हुए विकास खण्ड के सीमान्तर्गत न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होने का प्राविधान किया गया है। इससे कृषक समूहों को उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 के अन्तर्गत क्लस्टर आधारित प्रोत्साहन लाभ सुलभ एवं समयान्तर्गत अनुमन्य हो सकेंगे।
नीति में क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निर्यात आधारित प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने, परिवहन अनुदान दिए जाने एवं क्लस्टर सूची में संशोधन की प्रकिया को सरलीकृत करते हुए भुगतान समयान्तर्गत सुनिश्चित किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित एक राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति द्वारा किया जाने का प्राविधान किया गया है। इसके सदस्य सचिव निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, उ0प्र0 एवं अन्य सदस्य शासन द्वारा नामित अधिकारी होंगे।
प्रदेश की लैण्ड लॉक स्थिति के परिप्रेक्ष्य में जल मार्ग से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जल मार्ग से निर्यात हेतु परिवहन अनुदान 05 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति किलोग्राम पोर्ट तक उत्पाद पहुंचाने के मार्ग व्यय सहित किया गया है तथा रेल मार्ग को जोड़ा गया है। इससे प्रदेश से निर्यात हेतु पोर्ट तक रेल/सड़क मार्ग से उत्पाद पहंुचाने पर होने वाले व्यय की भी आंशिक प्रतिपूर्ति हो सकेगी।
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2020 के प्राविधानानुसार, उत्तर प्रदेश में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत विनिर्दिष्ट कृषि उपज पर मण्डी शुल्क/विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है। इससे निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सकेगा तथा प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु निर्यात दायित्व सिद्ध किये जाने की प्रक्रिया का निर्धारण समय-समय पर शासन द्वारा किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
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भारत डायनामिक्स लि0 के पक्ष में रियायती दर पर भूमि आवंटन के सम्बन्ध में

भारत डायनामिक्स लि0 उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में स्वदेशी तकनीक से रक्षा क्षेत्र में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाले प्रणोदन प्रणाली निर्माण सुविधा की स्थापना करेगी

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास के लिए उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 (यथासंशोधित) के प्राविधानों में शिथिलीकरण करते हुए भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) के पक्ष में भूमि का आवंटन, भूमि के सकल विक्रय मूल्य का 25 प्रतिशत धनराशि की छूट के साथ, 183 हेक्टेयर भूमि 01 रुपये के टोकन वार्षिक लीज रेन्ट पर दिये जाने तथा इस नीति में आच्छादित पात्र औद्योगिक इकाइयों की तरह भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) को भूमि क्रय पर 100 प्रतिशत की स्टाम्प ड्यूटी से छूट दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में स्वदेशी तकनीक से रक्षा क्षेत्र में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाले प्रणोदन प्रणाली निर्माण सुविधा की स्थापना करेगी। देश की रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता कम करने, स्वदेशी तकनीकी के विकास एवं अनुसंधान तथा रक्षा उपकरणों एवं उससे सम्बन्धित अन्य सामग्री क्रय में कमी लाने के दृष्टिगत भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) के द्वारा स्वदेशी तकनीकी से रक्षा क्षेत्र में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाले प्रणोदन प्रणाली निर्माण सुविधा की स्थापना अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम है। इसके निर्माण से देश की न केवल सैन्यशक्ति मजबूत होगी अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य की अग्रणी भूमिका होगी।
इस परियोजना के अन्तर्गत भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) द्वारा कुल 400 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया गया है। इस उपक्रम के द्वारा 100 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार दिए जाने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त, इससे अनेक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना के अवसर प्राप्त होंगे तथा उत्तर प्रदेश राज्य को विभिन्न करों के रूप में राजस्व की प्राप्ति होगी।
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डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के पक्ष में 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क 01 रु0 के टोकन वार्षिक लीज रेन्ट पर दिये जाने के सम्बन्ध में

ब्रह्मोस उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में स्वदेशी तकनीक से विकसित होने वाली उच्च तकनीक की मिसाइल होगी

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास के लिए उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 (यथासंशोधित) के प्राविधानों में शिथिलीकरण करते हुए ‘डी0आर0डी0ओ0’ ब्रह्मोस, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के पक्ष में 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क 01 रुपये के टोकन वार्षिक लीज रेन्ट पर दिए जाने तथा इस नीति में आच्छादित पात्र औद्योगिक इकाइयों की तरह डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस को भूमि क्रय पर 100 प्रतिशत की स्टाम्प ड्यूटी से छूट दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अन्तर्गत लखनऊ नोड में लीज पर भूमि पर आवंटन किये जाने हेतु तहसील सरोजनीनगर में 80 हेेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है। ब्रह्मोस उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में स्वदेशी तकनीक से विकसित होने वाली उच्च तकनीक की मिसाइल होगी।
ज्ञातव्य है कि देश की रक्षा में विदेशी निर्भरता कम करने, स्वदेशी तकनीकी के विकास एवं अनुसंधान तथा रक्षा उपकरणों एवं उससे सम्बन्धित अन्य सामग्री क्रय में कमी लाने के दृष्टिगत डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस-एनजी एयरोस्पेस परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके निर्माण से देश की न केवल सैन्यशक्ति मजबूत होगी अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका होगी। इस परियोजना के अन्तर्गत डी0आर0डी0ओ0 द्वारा 05-07 वर्षाें में कुल 9,300 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा तथा लगभग 500 इंजीनियर्स व तकनीकी लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा 1500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त, अनेक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना के अवसर उपलब्ध होंगे तथा उत्तर प्रदेश राज्य को विभिन्न करों के रूप में राजस्व की प्राप्ति होगी।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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