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नेशनल

देश में बीते 24 घंटे में 7,189 कोरोना के मामले, 415 ओमिक्रॉन केस

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नई दिल्ली। भारत में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस के 7,189 मामले सामने आए हैं। इसी के साथ शनिवार को भारत में कुल कोरोना मामले बढ़कर 3,47,79,815 हो गए हैं, इसमें से 415 मामले ओमिक्रॉन वेरिएंट के हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (एमओएचएफडब्ल्यू) ने दी है।

तो वहीं बीते 24 घंटे में कोरोना से 387 लोगों की मौत हुई है इसी के साथ मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,79,520 हो गई है जबकि 7,286 लोगों के ठीक होने से रिकवर होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,42,23,263 हो गई है।

दैनिक सक्रिय मामले घटकर 484 हो गए हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट के महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 108 मामले हैं, इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37 और तमिलनाडु में 34 हैं।

शुक्रवार को केंद्र ने घोषणा की थी कि 24 घंटे में ओमिक्रॉन के 358 मामले सामने आए, जिनमें से 183 का विश्लेषण किया गया। इनमें से 91 को पूरी तरह से टीका लगाया गया था जबकि 3 को बूस्टर खुराक मिली थी, जबकि 70 प्रतिशत बिना लक्षण वाले थे।

शुक्रवार से अब तक कुल 66,09,113 लोगों का टीकाकरण हुआ है जिससे कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़कर 1,41,01,26,404 हो गया है। नए वेरिएंट में आई तेजी को रोकने के लिए केंद्र ने 10 राज्यों में बहु-अनुशासनात्मक टीमों को तैनात किया है जो संक्रमणों की संख्या में वृद्धि या धीमी टीकाकरण गति की रिपोर्ट कर रहे हैं।

सरकारी नोटिस के अनुसार, इन टीमों को केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब में तैनात किया जाएगा और तीन से पांच दिनों के लिए राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम किया जाएगा।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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