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प्रादेशिक

सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र बनने की राह पर यूपी

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लखनऊ।  सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने नए आयाम स्थापित किए हैं। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा का लगातार विस्तार हो रहा है। प्रदेश में सरकारी भवनों, स्ट्रीट लाइटों से लेकर घरों तक में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ता जा रहा है। सरकार बुंदेलखंड और पूर्वांचल में खासतौर पर सौर ऊर्जा की परियोजनाओं को विस्तार दे रही है। यह दोनों क्षेत्र प्रदेश में सौर ऊर्जा के हब के रूप में उभर रहे हैं।

योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए सतत् प्रयास कर रही है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत प्रदेश सरकार ने 1535 मेगावाट के 7500 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। इसको 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में 420 मेगावाट क्षमता की 24 सोलर पावर परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़कर 1350 मेगावाट हो गया है।

सरकार के प्रयास से प्रदेश में 235 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश सरकार की कोशिश से वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा की बचत के लिये ‘ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता 2018’ को लागू किया गया। योगी सरकार ने जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन नीति के तहत 2492 करोड़ रुपये का निजी निवेश भी आमन्त्रित किया। 720 करोड़ रुपये की लागत की 180 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पाद इकाइयां स्थापित की गईं।

बुंदेलखंड में 4 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा इकाइयां लगाई जा चुकी हैं। प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड में नहरों पर सोलर रूफटॉप लगवाए हैं। साथ ही हर घर नल योजना के तहत पाइप से पानी सप्लाई के लिए भी सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जा रहा है। इसका लाभ यह है कि पारम्परिक बिजली पर निर्भरता कम होगी। पूर्वांचल में जगह-जगह सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं। सरकारी इमारतों पर सोलर रूफटाप लगाया जा रहे हैं। किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहित कर रही है।

योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि अब गांवों में बाजारों और सड़कों पर सोलर स्ट्रीट लाइटें रोशनी फैला रही हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की मदद से 25569 बाजारों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं। वहीं मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित राजस्व ग्रामों में 13791 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों को लगाने का काम किया गया है। किसानों को लाभ देने के लिये सिंचाई में उपयोगी 19579 सोलर पम्प लगाए हैं। गांव में घर-घर तक 01 लाख 80 हजार सोलर पावर संयंत्रों की स्थापना ने गांव की तस्वीर बदल दी है। पहली बार प्रदेश में 3400 सोलर आरओ वाटर संयंत्रों को प्राथमिक विद्यालयों में लगवाया गया है ताकि बच्चों को शुद्ध पानी स्कूल में ही मिल सके। योगी सरकार शुरू से प्रयास कर रही है कि प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाया जाय ताकि पारम्परिक बिजली पर निर्भरता कम हो औऱ बिजली संकट से प्रदेश की जनता छुटकारा मिल सके।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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