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प्रादेशिक

गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, कही ये बड़ी बात

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10 मार्च को गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने आज अपना इस्तीफा राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई को सौंप दिया है. सीएम प्रमोद सावंत ने राज्यपाल को पणजी स्थित राजभवन में अपना पहला कार्यकाल समाप्त होने पर सौंपा है.

इस्तीफा सौंपे जाने के बाद मीडिया से बात करते हुये सीएम सावंत ने कहा कि मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. प्रदेश में प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार ने मुझे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए अनुरोध किया है.

सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के सवालों पर जवाब देते हुये पिल्लई ने कहा कि 4 राज्यों में शपथ ग्रहण पर अभी फैसला नहीं हुआ है. केंद्रीय पर्यवेक्षक के आने के बाद यहां विधायक दल की बैठक होगी और उसके बाद तारीखें तय की जाएंगी.

आपको बता दें कि गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा सीट में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वह महज एक सीट से बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर रह गई है. हालांकि सीएम सावंत का कहना है कि उनके पास तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन पत्र है इसलिए वे पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे.

इतना ही नहीं गोवा बीजेपी अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के विधायकों ने भी उन्हें समर्थन देने का फैसला किया है. हालांकि अभी तक निर्दलीय विधायकों या एमजीपी की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

ये रहा गोवा का परिणाम

बीजेपी ने सबसे ज्यादा 20 सीटें हासिल की हैं, जबकि कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी को 2, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को 1, महाराष्ट्रवादी गोमंतक को 2, रिवॉल्यूशनरी गोंस पार्टी को 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 3 सीटें मिली हैं. राज्य में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 21 है. अगर बीजेपी को निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन मिलता है, तो वह राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बना लेगी.

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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