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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने पलटा सपा सरकार का फैसला, ऐसे मदरसों को नहीं देगी अनुदान

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लखनऊ। उप्र की योगी सरकार अब वर्ष 2003 तक के आलिया स्तर की स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान नहीं देगी। यह निर्णय मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर लिया गया।

प्रदेश सरकार ने यह निर्णय प्रदेश की पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में हुए फैसले को पलटते हुए लिया है। सपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2003 तक की मान्यता प्राप्त 146 मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने का निर्णय हुआ था। उसके बाद 100 मदरसे अनुदान सूची पर ले भी लिए गए थे।

बाकी बचे 46 मदरसों को अनुदान सूची पर लेने से पहले ही सरकार में अर्न्तकलह शुरू हो गई थी, उसके बाद यह 46 मदरसे अनुदान पर नहीं लिए जा सके। इनमें से कुछ मदरसों ने अदालत की शरण ले ली।

इस वक्त प्रदेश के कुल 560 मदरसों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। अनुदान के तहत इन मदरसों के शिक्षकों, कर्मियों का भुगतान किया जाता है।

यूपी बोर्ड परीक्षाफल निर्धारण पर मुहर लगी

यूपी बोर्ड 2021 के परीक्षाफल निर्धारण की प्रक्रिया को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंगलवार को अनुमति दी गई। यूपी बोर्ड 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द कर दी गई थी।

उस समय सरकार ने लिखित परीक्षा के अंकों का निर्धारण फार्मूला शासनादेश जारी कर तय किया था। सरकार ने वर्ष 2021 में हाईस्कूल का रिजल्ट कक्षा 9 व कक्षा 10 के प्री बोर्ड के 50-50 फीसदी अंक और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों को जोड़ कर जारी किया था।

एक्सप्रेसवे डेवलेपर को राहत दी गई

यूपी सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के विकासकर्ताओं को पूरा करने में दी गई राहत को और बढ़ा दिया है।कैबिनेट ने मंगलवार को औद्योगिक विकास विभाग से संबंधित दो प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

इसके तहत गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के पैकेज-1 एवं 2 के निर्माणकर्ताओं को शिड्यूल एच में दी गई राहत को 31 अक्तूबर 2022 तक बढ़ाने का प्रावधान है। इसी तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के विकासकर्ताओं को 31 अक्तूबर 2022 तक के लिए राहत दी गई है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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