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मुख्य समाचार

कन्हैयालाल की शवयात्रा में उमड़ा हुजूम, पुलिस के खिलाफ आक्रोश; एनआईए करेगी जांच

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उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में बेरहमी से कत्ल किए गए टेलर कन्हैयालाल का शव आज बुधवार को करीब 11 बजे घर पहुंचा। एमबी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच कन्हैया का शव घर पहुंचा तो वहां भारी संख्या में लोग जुट गए।

लोगों ने पुलिस के खिलाफ भी आक्रोश जाहिर किया। दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई। इस दौरान ‘कन्हैया अमर रहें’ के नारे लगे। पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। कन्हैया के परिजन और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था। कन्हैया के बेटे को रोते देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।

अंतिम यात्रा में उमड़ा हुजूम

मोक्षरथ पर शव यात्रा गोवर्धन विलास से रवाना हुई। अशोक नगर श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होगा। शव यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पोस्टमार्टम के दौरान नेता प्रतिपक्ष व शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया अस्पताल के बाहर मौजूद रहे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी है।

कटारिया ने कहा कि यह मामला पूरा एक ही व्यक्ति ने नहीं किया है। इसके पीछे कोई न कोई एजेंसी लगी हुई है। मैं इस घटना के पीछे लगा रहूंगा और इस गैंग का पर्दाफाश कर रहूंगा। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर टिप्पणी से यह विवाद शुरू हुआ था। धमकियां मिल रही थी, फिर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की। यह पुलिस का फेल्योर है।

एनआईए करेगी हत्याकांड की जांच

उदयपुर हत्याकांड की जांच अब एनआईए करेगी। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को हत्याकांड की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस हत्याकांड में किसी भी संगठन की संलिप्तता और अंतरराष्ट्रीय लिंक की गहन जांच की जाएगी।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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