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उत्तर प्रदेश

ओपी राजभर ने की सीएम योगी से मुलाकात, राजभर जाति को जल्द मिलेगा ST का दर्जा

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लखनऊ। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री ओपी राजभर ने मंगलवार देर शाम सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। ओपी राजभर ने मुलाकात के दौरान सीएम योगी से राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाए जाने को लेकर मांग रखी। जानकारी के अनुसार सीएम योगी ने सहमति जताते हुए केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। सीएम योगी के साथ मुलाकात में ओपी राजभर उनके बेटे अरविंद राजभर भी मौजूद रहे।

ST में सूचीबद्ध हो जाएगी राजभर बिरादरी

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सीएम से मुलाकात के बाद बताया कि आजादी के बाद से उपेक्षित राजभर जाति बहुत जल्द अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध हो जाएगी। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 11 मार्च 2022 को इस संबंध में दिए गए आदेशों का अनुपालन कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी सहमत हो गए हैं। मुलाकात के दौरान उन्होंने राजभर बिरादरी को अनुसूचित जन जाति में सूचीबद्ध किए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया।

राजभर समाज के विकास के प्रति सरकार संवेदनशील
ओपी राजभर ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राजभर जाति को अनुसूचित जन जाति में सूचीबद्ध किए जाने किए जाने का जो आदेश जारी किया है। उसके अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री ने इसके प्रति पूरी गंभीरता दिखाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभर समाज के विकास के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है।

उन्हों ने कहा कि प्रदेश में राजभर जाति को पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया है, जबकि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में राजभर बिरादरी को अनुसूचित जनजाति में रखा गया है। उत्तर प्रदेश में भी इस बिरादरी को बहुत जल्द अनुसूचित जनजाति का लाभ मिलने लगेगा। केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद दबे, कुचले व पिछड़े राजभर जाति के युवाओं को शिक्षा पाने के बेहतर अवसर के साथ ही सरकारी सेवाओं में नौकरी पाने के अधिक अवसर मिलने लगेंगे। केंद्र सरकार में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कोटा 7.5 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति का कोटा 2.5 फीसदी है. उन्होंने बताया कि राजभर समाज को एसटी में शामिल कराने की लड़ाई वह लंबे अरसे से लड़ते आ रहे हैं, जो अब पूरा होता नजर आ रहा है।

सीएम योगी और पीएम मोदी की तारीफ

ओपी राजभर ने कहा कि सरकारी नौकरियों में राजभर की संख्या नहीं के बराबर है। पिछड़ी जाति में होने के कारण 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ कुछ मजबूत जातियां ले लेती हैं। एसटी में शामिल होने के बाद राजभर बिरादरी के बेरोजगार युवाओं को नौकरियां पाने में आसानी हो जाएगी। राजभर के बेटे भी कलेक्टर, एसपी तथा अन्य बड़े पदों पर नजर आने लगेंगे। उन्होंने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों नेता पिछड़े समाज को मुख्यधारा में शामिल करने का काम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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