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डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर, पहुंचा 82 के करीब

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डॉलर के मुकाबले रुपया

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नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपए का गिरना थम नहीं रहा है। आज बुधवार यानी को रुपया एक नए निचले स्तर पर पहुंच गया है। मुद्रा बाजार में भारतीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82 के करीब पहुंच गई।

US DOLLER के मुकाबले रुपया गिरकर 81.90 पर आ गया है। सोमवार को रुपया 81.6525 के रिकॉर्ड निचले स्तर को छूने के बाद मंगलवार को अमेरिकी DOLLER के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 81.53 पर बंद हुआ था।

आज 2010 के बाद पहली बार अमेरिकी ट्रेजरी की यील्ड 4% से ऊपर है। डॉलर इंडेक्स 114.68 की एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। ट्रेडर ने कहा, ‘DOLLER इंडेक्स और ट्रेजरी यील्ड को स्थिर किए बिना रुपये के लिए फ्लोर तय करना बेहद मुश्किल है। ट्रेडर्स के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक रुपये में गिरावट के कारण DOLLER की बिक्री कर रहा है और संभावना है कि केंद्रीय बैंक ऐसा करना जारी रखेगा।

गौरतलब है कि बीते  गुरुवार को रुपया अपने अब तक के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था।  यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80.28 रुपये के स्तर पर खुला था। इससे पहले पिछले बुधवार को रुपया 79.98 के स्तर पर क्लोज हुआ था। बुधवार को रुपये ने अपने अब तक के सर्वकालिक निचले स्तर 80.45 का स्तर छू लिया है। वहीं दूसरी ओर, डॉलर में पिछले 20 वर्षों में सबसे बड़ा उछाल आया था।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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