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प्रादेशिक

बिहार में बड़ी राजनीतिक सरगर्मी, कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने दिया इस्तीफा

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सुधाकर सिंह

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पटना। बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुधाकर सिंह ने सरकार को अपना इस्तीफा भेज दिया है हालांकि,  बताया जा रहा है कि मंत्री का त्यागपत्र अभी तेजस्वी यादव के पास है। उनके पिता और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसकी पुष्टि की है। गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर सुधाकर सिंह के इस्तीफे से राज्य की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है।

कृषि मंत्री के इस्तीफा की चर्चा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने कहा कि आज गांधी जयंती और शास्त्री जी की जयंती है। दोनों नेताओं ने हमेशा किसानों की चिंता की।  किसान देश की जरूरत हैं। कृषि मंत्री हमेशा किसानों का सवाल उठाते रहते थे। किसानों के साथ राज्य में न्याय नहीं हो रहा। अपनी उपज को बेचने के लिए किसानों के पास आज कोई मंडी नहीं है। इस वजह से कृषि मंत्री बहुत आहत हैं।

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मंत्री सुधाकर सिंह सरकार बनने के बाद से ही अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में थे। सार्वजनिक रूप से और खुले मंच से उन्होंने अपनी सरकार और अपने विभाग की जमकर मुखालफत की। कृषि मंत्री ने कैमूर की एक सभा में यहां तक कह दिया था कि उनके विभाग के पदाधिकारी चोर हैं और मंत्री चोरों के सरदार। सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार के कृषि रोडमैप पर भी सवाल उठाया था।

उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप में काफी गड़बड़ियां है। इसकी वजह से विभाग के अधिकारी किसानों की हमारी कर रहे हैं। जनता को उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी दिया और यह कहा कि आप लोग धरना प्रदर्शन करते रहें ताकि यह लगे कि कृषि विभाग में गड़बड़ी बरकरार है। वरना, यह लगेगा कि सब कुछ ठीक हो गया है। उन्होंने अपने विभाग में भारी घुसखोरी का आरोप लगाया।

सुधाकर सिंह के बयान से राजद और जदयू के आपसी हालात असहज हो रहे थे। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने सुधाकर सिंह के खिलाफ कई बार बयान बाजी भी की।

उन्हें सलाह दी जा रही थी कि वह मंत्री हैं और अपनी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर सकते हैं। उन्हें कोई दिक्कत है तो तेजस्वी यादव से विमर्श करें। बावजूद इसके सुधाकर सिंह ने अपना स्टैंड वापस नहीं लिया और आज गांधी जयंती के अवसर पर अपना इस्तीफा सरकार को भेज कर सबको चौंका दिया।

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IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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