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उत्तर प्रदेश

महर्षि वाल्मीकि ने हमसे करवाया भगवान राम का साक्षात्कार: सीएम योगी

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महर्षि वाल्मीकि

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लखनऊ। महाकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का आज जन्मदिवस है। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में एक कार्यक्रम में शामिल हुए।

महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव समिति के सभी पदाधिकारियों व प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा आज शरद पूर्णिमा है। मान्यता है कि चंद्रमा आज सबसे अधिक चमकीला होता है और धरती के सबसे नजदीक होता है। इस धराधाम पर चांद जैसी शीतलता प्रदान करके रामायण की रचना करने वाले त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि की जयंती है।

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सीएम योगी ने कहा महर्षि वाल्मीकि ने भगवान राम का साक्षात्कार हम सबसे करवाया, महर्षि ने भगवान राम पर पहला महाकाव्य ‘वाल्मीकि’ रचा था, इसके बाद दुनिया भर में इसी ग्रन्थ को आधार बनाकर भगवान राम के चरित्र को रचा गया। हमारा सौभाग्य है कि आज महर्षि वाल्मीकि का पावन जन्मोत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य राममंदिर युद्धस्तर पर बन रहा है।

उन्होंने कहा महर्षि का पावन धाम उनकी तपोस्थली लालापुर चित्रकूट में है। भगवान राम ने वनवास के समय सर्वाधिक समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था। उसी चित्रकूट में संत तुलसीदास की जन्मभूमि (राजापुर) भी स्थित है। हमारी सरकार ने दोनों पावन स्थलों को सौंदर्यीकरण करके पर्यटन स्थल के रूपमे विकसित करने कार्य किया है। लालापुर में पहाड़ी पर आसानी से जाने के किये रोपवे की भी व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा मेरे सामने वाल्मीकि समाज के हित के लिए उनसे जुड़ी कुछ समस्याएं का प्रतिवेदन मुझे मिला है। हमने प्रदेश में इस समाज के लिए एक आयोग भी बनाया है और उसका चेयरमैन वाल्मीकि समाज के ही व्यक्ति को बनाया है। सफाई कार्मिकों के उत्थान के लिए राज्य व केंद्र सरकार के स्तर से जो कुछ अच्छा हो सके उसकी रिपोर्ट आयोग दे,हम सब उनके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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