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उत्तर प्रदेश

IPS अधिकारी के फार्म हाउस मैनेजर की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ के माल तहसील के अटारी व सुरतीखेड़ा गांव के बीच स्थित आईपीएस अधिकारी बीके मौर्य के फार्म हाउस में मैनेजर विजय कुमार मौर्य (30) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसका शव फार्म हाउस के बाग में आम के पेड़ से लटका मिला। मृतक के घरवालों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य भी जुटाए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार अटारी व सुरतीखेड़ा गांव के बीच आईपीएस अधिकारी बीके मौर्य का फार्म हाउस है। इसमें उन्होंने प्रबंधक के तौर पर अटारी के विजय कुमार मौर्य को रखा था। मंगलवार को ग्रामीणों ने विजय का शव फार्म हाउस स्थित आम की बाग में रस्सी के सहारे पेड़ से लटकता देखा। इसकी सूचना घरवालों को दी।

सूचना मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। घर-परिवार वालों के साथ आसपास के गांव के लोग भी मौके पर जुट गए। सूचना मिलने पर माल पुलिस के साथ ही एसीपी मलिहाबाद अनिंद्य विक्रम सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने फोरेंसिक टीम को भी बुला लिया। आईपीएस बीके मौर्य भी फार्म हाउस पहुंचे और मृतक के घरवालों को निष्पक्ष जांच व कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

एक साल पहले हुई थी हत्या की कोशिश

मृतक के भाई दुर्गेश व बहन शांति के मुताबिक एक वर्ष पहले भी विजय को जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। घर वालों ने यह भी बताया कि विजय सोमवार की रात कुछ दोस्तों के साथ ससपन पुलिया स्थित दुकान पर पराठा रोल खाने गया था।

चौकीदार मेहरबान ने बताया कि लौटते समय विजय के साथ एक युवक भी था, जो रात में रुका था। मृतक के भाई गंगाराम ने हत्या का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। विजय के परिवार में आठ भाई बहन हैं। प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

10 साल पहले हुई थी चौकीदार की हत्या

ग्रामीणों के अनुसार एक दशक पूर्व इसी फार्म हाउस के चौकीदार की बदमाशों ने गला रेत कर हत्या कर दी थी। उस मामले का खुलासा आज तक माल पुलिस नहीं कर सकी है। ग्रामीण दोनों वारदातों को एक साथ जोड़कर देख रहे हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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