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बिजनेस

29 दिसंबर से लागू होगा ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापार समझौता, उच्चायुक्त ने किया ट्वीट  

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नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) 29 दिसंबर से लागू हो जाएगा। बुधवार को भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ’फारेल ने इसकी घोषणा की। राजदूत ओ’फारेल ने ट्वीट किया, “तारीख तय हो गई है। ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता 29 दिसंबर को लागू होगा, दोनों देशों के लिए नए बाजार पहुंच के अवसर प्रदान करेगा और आने वाले दशकों में दोस्ती को सुरक्षित करेगा।”

यह घोषणा ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस के बयान के एक सप्ताह बाद की गई है। उन्होंने कहा था कि भारत के साथ देश का मुक्त व्यापार समझौता (FTA) संसद से पारित हो गया है। अल्बानीस ने 22 नवंबर को ट्वीट किया, “ब्रेकिंग: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है।”

आज एक प्रेस बयान में अल्बनीस सरकार ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि करती है कि भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा कर लिया है।

यह व्यापार समझौता दोनों देशों को एक-दूसरे के बाजार में नई पहुंच प्रदान करेगा। यह समझौता 29 दिसंबर से ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए लागू हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया की संसद ने सरकार के व्यापार समझौते से जुड़े विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित करने के साथ पिछले सप्ताह व्यापार समझौते के लिए अपनी घरेलू आवश्यकताओं को अंतिम रूप दे दिया था।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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