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प्रादेशिक

डीसीपी (ट्रैफिक) रईस अख़्तर बोले, एचएसआरपी नंबर प्लेट के इस्तेमाल से रोका जा सकता है अपराध

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लखनऊ। बुधवार को राजधानी के 1090 चौराहे पर यातायात माह के समापन पर ‘हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट’ (एचएसआरपी) के मद्देनजर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथि के रूप में डीसीपी (ट्रैफिक) रईस अख़्तर, एडीसीपी (ट्रैफिक) अजय कुमार व आरटीओ (अतिक्रमण) संदीप कुमार पंकज शामिल हुए।

 

इस शिविर में एचएसआरपी मानक की नंबर प्लेट को गाड़ियों में लगाने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में बोलते हुए डीसीपी (ट्रैफिक) रईस अख़्तर ने कहा कि आम जनता से ये अपील है कि सभी लोग अपनी गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट ज़रूर लगवाएं। उन्होंने कहा कि इसकी ज़रूरत इसलिए है क्योंकि हमारे स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में अक्सर ये शिकायत आती है कि ये गाड़ी हमारी बैंगलोर में है, मैं लखनऊ कभी आया नहीं और यूपी में मेरा चालान हो गया, और चालान मेरे मोबाइल पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि उस नंबर प्लेट का कोई और इस्तेमाल कर रहा है। यानी उसका अपराध में प्रयोग हो रहा है। डीसीपी रईस के मुताबिक- ऐसा तमाम बार देखा गया है कि जब कोई अपराध होता है और गाड़ी का नंबर भी पता चल जाता है। तब भी अपराधी तक नहीं पहुंच पाते। क्योंकि, बहुत से लोग दूसरे गाड़ियों की नंबर प्लेट को अपराध करते वक़्त अपनी गाड़ियों में करते हैं। इसलिए सबसे पहले हमें एचएसआरपी वाली नंबर प्लेट लगवाकर इसे रोकना है। उन्होंने कहा कि कमर्शियल गाड़ियों के लिए ये नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है। क्योंकि, ये देखा गया है कि अक्सर ट्रक वाले जिस राज्य में जाते हैं वहां का नंबर प्लेट लगा लेते हैं।

कार्यक्रम में आरटीओ (अतिक्रमण) संदीप कुमार पंकज ने कहा कि हमारा उद्देश्य सड़क सुरक्षा को लेकर रहता है। साल 2019 से पहले की जितनी गाड़ियां हैं, उनके लिए एचएसआरपी नंबर प्लेट लगवाना ज़रूरी है। क्योंकि 1 अप्रैल, 2019 के बाद खरीदे गए सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाकर ही वाहन विक्रेता गाड़ी बेचता है। उन्होंने बताया कि जो वेंडर फर्जी एचएसआरपी नंबर प्लेट बेच रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की बुकिंग केवल ऑनलाइन की जा सकती है। किसी भी अन्य प्रकार से इसकी बुकिंग अथवा इसका लगाया जाना अमान्य है। बुकिंग के लिए SIAM की वेबसाइट (www.saim.in) ही अधिकृत है। अन्य किसी स्त्रोत का चयन न करें। इसका लिंक परिवहन विभाग की वेबसाइट (https://uptransport.upsdc.gov.in) पर भी उपलब्ध है। आरटीओ संदीप कुमार पंकज ने बताया कि 1 जनवरी, 2023 से बिना एचएसआरपी लगी गाड़ियों का चालान किया जाएगा।

शिविर के आयोजक मोहम्मद शारिक ने बताया कि WWW.BOOKMYHSRP.COM वास्तविक व ईमानदार ऑनलाइन वितरक है। जिसकी बुकिंग के लिए केवल ऑनलाइन शुल्क का ही भुगतान करें। किसी नगद धनराशि का भुगतान न करें। उन्होंने बताया कि एचएसआरपी केवल प्राधिकृत ओईएम वितरक से ही लगवायें।

इस कार्यक्रम में सीनियर एचएसआरपी एक्सपर्ट मोहम्मद शारिक, एचएसआरपी एक्सपर्ट सुधाकर मिश्रा एवं मोहम्मद आमिर मौजूद रहे।

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की बुकिंग के पूर्व निम्न बातों पर अवश्य ध्यान दें:-

HSRP केन्द्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR), 1989 के नियम 50 का अनुपालन करता है

1- हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की बुकिंग केवल ऑनलाइन की जा सकती है। किसी भी अन्य प्रकार से इसकी बुकिंग अथवा इसका लगाया जाना अमान्य है।

2- बुकिंग के लिए SIAM की वेबसाइड https://www.saim/in/ ही अधिकृत है। अन्य किसी स्त्रोत का चयन न करें। इसका लिंक परिवहन विभाग की वेबसाइट https://uptransport.upsdc.gov.in/ पर भी उपलब्ध है।

3- SIAM की उक्त वेबसाइड पर BOOK HSRP लिंक पर अपने वाहन निर्माता के उपलब्ध डीलर का चयन करते हुए निपकोड अंकित करें।

4- आवेदन से पूर्व सुनिश्चित करें कि वाहन पर कोई चालान लम्बित न हो।

5- प्लेट फिक्स कराने हेतु सुविधानुसार अप्वाइंमेन्ट की तिथि एवं समय के स्लॉट का चयन करें।

6- चयनित तिथि एवं समय पर चुने गए डीलर से अपने वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लैट फिक्स करायी जा सकती है।

7- केवल ऑनलाइन शुल्क का ही भुगतान करें।

8- हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट फिक्स करने से पूर्व डीलर चेसिस नम्बर के आधार पर यह सुनिश्चित करेंगे कि वाहन वही है, जिसकी नम्बर प्लेट बुक की गयी है।

9- आवेदक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाने के पश्चात पंजीयन पुस्तिका (Registration Certificate) का प्रिन्ट https://vahan.parivahan.gov.in/ से प्राप्त कर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट पर लिखे लेजर कोड का मिलान पंजीयन पुस्तिका (Registration Certificate) में प्रिन्ट लेजर कोड से अवश्य कर लें।

10- पंजीयन पुस्तिका में लेजर कोड अंकित न होने या भिन्नता या अन्य किसी कठिनाई की दशा में तत्काल सम्बन्धित जनपद के ARTO (A) के ई-मेल, जो वेबसाइट https://uptransport.upsdc.gov.in/ पर भी उपलब्ध है, पर सम्पर्क करें।

11- समाधान न होने की दशा में ई-मेल [email protected] पर सम्पर्क करें।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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