उत्तराखंड
उत्तराखंड: अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर आक्रोश, राजभवन पहुंचे प्रदर्शनकारी
देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्या (Ankita Bhandari murder) मामले में वीआईपी के नाम का खुलासा करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर लोगों का आक्रोश दिखा। 51 दिन से ऋषिकेश में चल रहे आमरण अनशन के बाद आज प्रदर्शनकारी राजभवन पहुंचे।
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युवा न्याय संघर्ष समिति ऋषिकेश के बैनर तले राजधानी देहरादून पहुंचे आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई। राजभवन के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। अनशन कर रहे कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला को पुलिस ने गिरफ्तार किया। रमोला राज भवन के बाहर अनशन कर रहे थे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड के छुपे हुए वीआईपी के नाम का खुलासा करने, हत्याकांड की CBI जांच कराने और विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर विगत 51 दिनों से ऋषिकेश में धरना जारी है। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उतराखंड सरकार गूंगी-बहरी हो चुकी है। इसलिए मजबूरन उन्हें ही यह राह चुननी पड़ी।
परवादून कांग्रेस देहरादून के पूर्व अध्यक्ष जयेंद्र रमोला युवा न्याय संघर्ष समिति ऋषिकेश के आंदोलनरत साथियों के साथ राजभवन देहरादून के बाहर आमरण अनशन पर बैठे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड और महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार की घटनाओं के विरोध में कांग्रेस भी प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। पार्टी ने कहा कि उत्तराखंड को सुशासन देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार आज कठघरे में है और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर लगातार अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही है। सरकार रसूखदारों को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
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उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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