प्रादेशिक
मप्र में शुरू होगी लाडली बहना योजना, महिलाओं को दिए जाएंगे 1000 रुपए प्रति माह
भोपाल (मप्र)। मप्र की शिवराज सरकार आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए एक योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 1000 रुपए की राशि दी जाएगी। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी है। बता दें कि मप्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
योजना पर खर्च होंगे 60 हजार करोड़ रुपए
CM शिवराज ने शनिवार की शाम नर्मदापुरम शहर में नर्मदा नदी के तट पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पांच साल में इस योजना पर 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। उन्होंने कहा, हम लाडली लक्ष्मी योजना की तर्ज पर सभी वर्गों के निम्न और मध्यम वर्ग की गरीब महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना शुरू करेंगे। हमारी बहनों को 1,000 रुपये प्रति माह यानी 12,000 रुपये प्रति वर्ष की राशि दी जाएगी।
सभी वर्गों की महिलाओं को होगा लाभ
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस योजना से सभी वर्गों की गरीब महिलाएं लाभान्वित हो सकती हैं, भले ही उन्हें अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा हो। उन्होंने कहा, मुझे अपनी बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। वे मजबूत होंगी तो परिवार मजबूत होगा। परिवार मजबूत होगा तो समाज मजबूत होगा। समाज मजबूत होगा तो राज्य मजबूत होगा।
नर्मदा कॉरिडोर और नर्मदा लोक बनाने की घोषणा
सीएम ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक की तर्ज पर नर्मदा कॉरिडोर और नर्मदा लोक बनाने की योजना की भी घोषणा की। चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह ने शनिवार को नर्मदा जयंती के अवसर पर नर्मदा तट पर पूजा अर्चना की।
उन्होंने 11 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से निर्मित नवीन आयुक्त नर्मदापुरम के भवन का लोकार्पण, एक करोड़ 97 लाख की लागत से रामलीला मैदान के उन्नयन, दो करोड़ रुपए की लागत से मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं विभिन्न विकास कार्य और पांच करोड़ 53 लाख रुपए की लागत वाले नगर के आडिटोरियम का वर्चुअली भूमि-पूजन किया।
महिलाओं को दिए जाएंगे 1000 रुपए
लाड़ली बहना योजना के तहत सभी वर्ग की महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में उन्हें हर महीने एक हजार रुपए की राशि दी जाएगी। आगामी बजट में इसे शामिल कर ये योजना बनाई जाएगी। इस दौरान सीएम ने कहा, इस योजना से मध्यम वर्ग की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगी। किसी ने भी बहन बेटियों की ओर बुरी नजर डाली तो उसे फांसी की सजा दी जाएगी। साथ ही उनके घर पर बुलडोजर भी चलाए जाएंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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