Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने पर 21 लाख रुपये इनाम का ऐलान

Published

on

Mahant Raju Das Swami Prasad Maurya

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई टिप्पणी का विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। राजनीतिक दलों के साथ साथ साधु-संतों द्वारा भी स्वामी के बयान की निंदा की जा रही है।

इसी क्रम में अयोध्या स्थित हनुमान मंदिर के महंत राजू दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने पर 21 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। इससे पहले तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने मौर्य की जीभ काटने वाले पर इनाम देने की घोषणा की थी।

बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया था कि रामचरित मानस के कुछ छंद समाज के एक वर्ग का अपमान कर रहे हैं, लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

परमहंस दास ने मौर्य को पार्टी का महासचिव बनाए जाने पर भी सपा की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें पार्टी का महासचिव बनाकर उनका कद बढ़ा दिया है।”

विवाद गरमाने के बाद भी मौर्य ने अपने कदम पीछे करने से इनकार कर दिया है। मौर्य ने कहा, “धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के अपमान की साजिशों का मैं विरोध करता रहूंगा। जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी बेफिक्र रहता है और अपना रास्ता नहीं बदलता, मैं भी नहीं बदलूंगा। उन (आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं) के लिए सम्मान पाने की दिशा में मेरा रुख यही रहेगा।

इधर अखिलेश यादव ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है। अखिलेश ने कहा कल मैं मंदिर गया तो RSS-BJP के गुंडे आ गए, हमें पता होता BJP गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते।

उत्तर प्रदेश

टीबी नोटिफिकेशन में इस साल भी सबसे आगे योगी सरकार, लक्ष्य के करीब पहुंचा उत्तर प्रदेश

Published

on

By

Loading

लखनऊ | योगी सरकार ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान कर इलाज करने में एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। योगी सरकार ने पिछले वर्ष की तरह इस वित्तीय वर्ष में भी उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चलने का कीर्तिमान दर्ज किया है। योगी सरकार को इस साल 6.5 लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। अक्तूबर माह की समाप्ति तक लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत मरीजों की पहचान कर देश में पहले स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर महराष्ट्र है, जहां पर 1,85,765 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया। इसी तरह बिहार तीसरे स्थान पर है, जहां 1,67,161 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया है। यानी इस साल भी बीते साल की तरह प्रदेश लक्ष्य से ऊपर टीबी नोटिफिकेशन कर लेगा।

लखनऊ, गोरखपुर में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को नोटिफिकेशन रहा बराबर

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को साल की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था। बीते साल यह 5.5 लाख का था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 अक्तूबर तक प्रदेश में पांच लाख 59 हजार टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इसमें प्राइवेट डाॅक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। दो लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाॅक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं। आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद में तो प्राइवेट डाक्टरों ने सरकारी डाॅक्टरों से भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, गोरखपुर व बरेली में सरकारी व प्राइवेट नोटिफिकेशन बराबर का रहा है।

बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत किया था टीबी नोटिफिकेशन

राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि सीएम योगी मंशा के अनुरुप वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसी का नजीजा है कि इस वर्ष भी प्रदेश टीबी नोटिफिकेशन में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चल रहा है। काबिले गौर है कि केंद्र द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए गए हैं। इनमें हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान का बार-बार चलाया जाना प्रमुख है। यही कारण है कि बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत टीबी नोटिफिकेशन किया था। वर्ष 2023 में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य 5.5 लाख था जिसके सापेक्ष प्रदेश ने 6.33 लाख मरीज खोजे थे।

यहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बढ़ने की जरूरत

टीबी उन्मूलन के लिए प्रदेश में ज्यादातर जनपदों में प्राइवेट डाक्टर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं लेकिन कुछ जनपद ऐसे भी हैं जहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बहुत कम हो रहा है। जैसे श्रावस्ती में इस साल सिर्फ 38 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इसके अलावा महोबा में सिर्फ 215, संतरवीदास नगर में 271, हमीरपुर में 277, कन्नौज में 293, सोनभद्र में 297, चित्रकूट में 312, सुलतानपुर में 370, अमेठी में 392 और कानपुर देहात में सिर्फ 395 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

Continue Reading

Trending