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बिजनेस

अडानी विवाद पर बोलीं वित्त मंत्री- नियामक एजेंसियां बखूबी कर रही हैं अपना काम

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Finance Minister spoke on Adani controversy

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मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और इस पर अडानी एंटरप्राइजेस विवाद का कोई असर नहीं पड़ेगा। बजट को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए हाल ही में पेश किए गए बजट का मुख्य फोकस विकास पर है।

उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव में राजकोषीय समेकन और विकास, दोनों पर सामान रूप से ध्यान दिया गया है। इनके बीच संतुलन स्थापित करना ही सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने एक आउटरीच इवेंट में मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ भाग लिया।

सीतारमण ने कहा कि विकास हमारे बजट का मुख्य फोकस है। हम उस रिकवरी को बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने विकास सुनिश्चित करने का श्रेय देश के लोगों को दिया। उन्होंने कहा कि आम लोगों ने देश को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई राहत और नीतिगत उपायों को आत्मसात किया।

बजट में किए गए हैं सभी प्रस्ताव

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक पूंजीगत व्यय पर अधिक राशि खर्च करने की इच्छा के अनुरूप है। इसलिए बजट में इसके तहत 10 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है।

आते-जाते रहते हैं एफपीओ

वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक वित्त बाजार में भारत की स्थिति अडानी एफपीओ पुलआउट के मद्देनजर कमजोर हुई है, तो उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन डॉलर बढ़ गया है। हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि एफपीओ आते हैं और निकल जाते हैं। ये उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है लेकिन हकीकत यह है कि पिछले कुछ दिनों में हमारे पास 8 बिलियन आए हैं। यह साबित करता है कि भारत और इसकी अंतर्निहित ताकत के बारे में धारणा मजबूत हुई है। नियामक एजेंसियां अपना काम बखूबी कर रही हैं। आरबीआई ने बयान जारी कर दिया है। उससे पहले बैंकों और एलआईसी ने अडानी समूह में अपने एक्सपोजर के बारे में बताया है।

सेबी करेगी अपना काम

वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार नियामक इकाइयां अपना काम बखूबी कर रही हैं, ताकि बाजार अच्छी तरह से विनियमित हो। बाजार को अच्छी तरह से विनियमित रखने के लिए सेबी अपना काम कर रही है। उसके पास इस मामले से निपटने के सभी साधन हैं।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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