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बिजनेस

इस चुनिंदा समूह के केंद्रीय कर्मियों के लिए खुशखबरी, चुन सकते हैं OPS

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central personnel can choose old pension scheme

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नई दिल्‍ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्‍छी खबर है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के एक चुनिंदा समूह को पुरानी पेंशन योजना चुनने का एक मौका दिया गया है। नए आदेश के अनुसार, अगर 22 दिसंबर 2003 से पहले सरकारी नौकरी मिली है तो पुरानी पेंशन स्‍कीम (OPS) चुन सकते हैं। कार्मिक मंत्रालय ने इस बाबत एक आदेश जारी किया है।

शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को अधिसूचित किये जाने की तारीख 22 दिसंबर, 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के तहत केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के पात्र हैं।

संबंधित सरकारी कर्मचारी 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। चौदह लाख से अधिक केंद्रीय एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों की संस्था नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

एनएमओपीएस की दिल्ली इकाई के प्रमुख मंजीत सिंह पटेल ने कहा, ‘केंद्र सरकार के पात्र कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। हम केंद्र सरकार से एक बार फिर मौजूदा नयी पेंशन योजना में संशोधन करने का अनुरोध करते हैं ताकि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके।’

नई पेंशन स्‍कीम से क्‍यों खफा कर्मचारी?

कर्मचारियों का कहना है कि न्यू पेंशन स्कीम किसी भी रूप में न तो कर्मचारियों के लिए लाभदायक है और न ही सरकार के लिए। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार एनपीएस में दिए जाने वाले अपने चौदह प्रतिशत शेयर को अपने पास ही रखे। इससे ही कर्मचारियों को पेंशन दी जा सकती है।

एनपीएस स्कीम में कटने वाला यह पैसा शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है, जिसका कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं होने वाला। एनपीएस में 10 प्रतिशत पैसा कर्मचारियों के वेतन से कटता है और चौदह प्रतिशत सरकार अपने पास से जमा करवाती है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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