उत्तर प्रदेश
अतीक के फरार गुर्गे ने वकील से मांगी रंगदारी, उमेश की तरह मरवाने की धमकी
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद के फरार चल रहे गुर्गे आसाद कालिया ने प्रयागराज के एक वकील से 10 लाख की रंगदारी मांगी है। आरोप है कि वकील अपने रिश्तेदार के एक प्लॉट पर कंस्ट्रक्शन करवाने की तैयारी में थे। उसी वक्त कालिया के गुंडे उनके पास आए। उन्हें धमकी दी कि 10 लाख दे दो, नहीं तो उमेश की तरह मरवा देंगे। इस मामले में करेली थाने में तहरीर दी गई है।
गुर्गों ने कहा- यहां की जमीनें हमारी, कंस्ट्रक्शन पर देना होता है टैक्स
जाकारी के अनुसार प्रयागराज के खुल्दाबाद के हिम्मतगंज में रहने वाले वकील वकार अहमद पुत्र रईस अहमद ने करेली पुलिस को तहरीर दी है, जिसमें कहा गया कि वह अपने भाई मोहम्मद अहमद के साथ अपने रिश्तेदार के बीरमपुर स्थित प्लाट को देखने गए थे। वहां निर्माण कार्य शुरू करना है। तभी वहां दामूपुर निवासी इरशाद अली उर्फ पुल्लू अपने चार साथियों के साथ पहुंच गया।
वकार अहमद और उसके छोटे भाई से प्लाट के बारे में पूछताछ करने लगा। उसने कहा कि वीरमपुर की सभी जमीन हमारी व आसाद कालिया की है। अगर यहां कोई जमीन पर काम करता है तो आसाद को 10 लाख रुपए की रंगदारी देना होगा। इस दौरान उनकी आसाद कालिया से फोन पर बात भी करवाई गई। इरशाद अली उर्फ पुल्लू दामूपुर ग्राम प्रधान सुल्तान का छोटा भाई है।
विरोध किया तो कनपटी पर सटा दी पिस्टल
आरोप है कि वकील के विरोध करने पर उनकी कनपटी पर रिवाल्वर सटाकर धमकी दी कि लूकरगंज में रंगदारी न देने वालों का हाल बंगाली जैसा होगा। जैसे बंगाली को मारकर फेंका गया है उसी तरह तुमको भी मारकर फेंक दिया जाएगा। उमेश पाल का क्या हश्र हुआ तुम्हारे सामने है। सारी वकालत धरी की धरी रह गई। इसके बाद उसने मोबाइल से वॉट्सऐप काल कर आसाद कालिया से बात कराई।
उधर से आसाद ने कहा कि 10 लाख नहीं दोगे तो जान से मार देंगे। उमेश पाल भी वकालत करता था, अंजाम तुम्हारे सामने है। तुम बस जैसा कह रहे हैं वैसा करो। शांति से अपनी वकालत करो। 10 लाख न देने पर तुम्हारा अंजाम क्या होगा तुम्हें अंदाजा नहीं है अभी।
पीड़ित वकील का कहना है कि घटना की सूचना डायल 112 पर दी गई। करेली थाना प्रभारी राम आसरे यादव का कहना है कि वकार अहमद की ओर से तहरीर मिली है। आरोपों की सत्यता की जांच की जा रही है। जल्द तहरीर दर्ज कर उचित कार्रवाई होगी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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