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बिजनेस

Post Office की इस स्कीम पर मिलता है FD से ज्यादा ब्याज, जानिए अन्य फायदे

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नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग की सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम (Senior Citizens Savings Scheme-SCSS) पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दी जा रही है, जो कि वरिष्ठ नागरिकों को बैंक एफडी में मिलने वाली औसत 7.5 प्रतिशत की ब्याज दर से अधिक है। इस स्कीम के कई और भी फायदे हैं।

5 साल का मैच्योरिटी पीरियड

सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड पांच साल को होता है। इस स्कीम में कम से कम पांच साल के लिए आपको निवेशित रहना होता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद आप इसे तीन साल के लिए आगे बढ़वा सकते हैं। अगर आप इस समय अवधि से पहले अपना खाता बंद करते हैं तो जुर्माने का भुगतान करना होता है।

अगर आपने खाता खोलने के एक साल के अंदर बंद कर दिया तो किसी प्रकार की ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा। एक साल बाद निकालते हैं तो 1.5 प्रतिशत का और दो साल बाद अकाउंट बंद करने पर एक प्रतिशत की पेनल्टी लगती है।

अधिकतम निवेश और ब्याज

पोस्ट ऑफिस की सिनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम में आप अधिकतम 30 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। न्यूनतम हजार रुपये के निवेश से इसमें शुरुआत की जा सकती है।

इस योजना में 8.2 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज निवेशक को दिया जा रहा है, जिसका भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है। इस स्कीम में एक साल में 1.5 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत मिलती है।

कौन खोल सकता है SCSS अकाउंट

60 वर्ष से अधिक का कोई भी भारतीय नागरिक SCSS में अकाउंट खोल सकता है। साथ ही 55 से अधिक व 60 वर्ष से कम रिटायर सरकारी कर्मचारी अपनी रिटारमेंट के एक महीने के अंदर अकाउंट खोल सकता है। डिफेंस कर्मचारियों के लिए ये सीमा 50 से 60 वर्ष के बीच है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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