Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सचिन पायलट का अशोक गहलोत पर बड़ा हमला, बोले- वो सोनिया गांधी को नहीं, वसुंधरा राजे को अपना नेता मानते हैं

Published

on

Loading

जयपुर। राजस्‍थान में सचिन पायलट के एक बयान ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है। सचिन पायलट ने कहा है कि अशोक गहलोत पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। वो सोनिया गांधी को नहीं, बल्‍कि वसुंधरा राजे को अपना नेता मानते हैं।’

सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं। एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए।’

2020 में हुई बगावत का जिक्र कर सचिन पायलट ने कहा, हम सरकार में नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे। हमने हमारी बातों को पार्टी आलाकमान के सामने रखा। कई दौर की मीटिंग के बाद कमेटी बनाई गई थी। इसमें रोडमैप तैयार हुआ। इसके बाद हम सबने कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जी जान से काम किया। ढाई साल का ये कार्यकाल हुआ, उसमें अनुशासन तोड़ने का कोई काम हमारे द्वारा नहीं किया गया।

सचिन पायलट ने कहा, ‘मुझे बहुत कुछ कहा गया कोरोना, गद्दार आदि। मैं ढाई साल से यह सब सुन रहा था लेकिन हम चुप थे क्योंकि हम अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे लेकिन अपने ही विधायकों और नेताओं को बदनाम करना और भाजपा का गुणगान करना मेरे समझ से परे है।’ कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘ मैं 11 मई को अजमेर से एक जन संघर्ष यात्रा निकालूंगा और हम जयपुर की तरफ आएंगे। यह 125 किमी की यात्रा होगी। सही निर्णय तब लिए जाएंगे जब जनता का पूरा साथ होगा।’

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

Continue Reading

Trending