उत्तर प्रदेश
CM योगी का जनता दरबार: उपचार में आर्थिक सहायता के निर्देश, बच्चों को खूब दुलारा
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के उपचार में आर्थिक सहायता के प्रार्थना पत्रों को जल्द से जल्द शासन में भेजने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।
उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों का इलाज बेहतरीन अस्पतालों में कराया जाएगा। इसके लिए मरीज की कमजोर आर्थिक स्थिति बाधा नहीं बनेगी। मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने आयोजित जनता दर्शन में उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं और निराकरण का भरोसा दिया।
एक महिला ने लखनऊ के एक अस्पताल में अपने परिजन के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार की। महिला द्वारा बताया गया अस्पताल संभवतः इलाज सहायता प्राप्त करने को अर्हता नहीं रखता है। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को निर्देशित किया कि मरीज को लखनऊ के SGPGI या KGMU में भर्ती कराया जाए।
सीएम ने महिला से आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा, महिला ने बताया कि नहीं है। मुख्यमंत्री ने उसे आश्वस्त किया कि आप बिना चिंता उपचार कराइए, पैसा हम देंगे। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द इलाज के लिए इस्टीमेट बनवाकर शासन को भेजें।
उन्होंने महिला को भरोसा देते हुए कहा कि इलाज में मदद के लिए आपको डीएम साहब के यहां से फोन जाएगा। सीएम ने इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे सभी लोगों को आश्वस्त किया कि इस्टीमेट की प्रक्रिया पूर्ण होते हैं मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पर्याप्त सहायता धनराशि जारी कर दी जाएगी।
जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने सभी लोगों के प्रार्थना पत्रों को विषयानुसार प्रशासन व पुलिस के अफसरों को हस्तगत करते हुए निर्देशित किया कि जनता की समस्याओं पर संवेदनशीलता से ध्यान दें और उनका संतुष्टिपरक त्वरित समाधान कराएं। इस दौरान कुछ लोग गोरखपुर मंडल के बाहर के जिलों से भी आए थे।
मुरादाबाद से आए एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि आपके घर पहुंचने के साथ ही समस्या के निदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी होगी। जनता दर्शन में अपने परिजनों के साथ आये बच्चों को भी मुख्यमंत्री ने हर बार की तरह खूब दुलारा। उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और चॉकलेट के साथ खूब पढ़ने, आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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