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उत्तर प्रदेश

विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल ने की सहभागिता, दिलाई हरित क्रांति की शपथ

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लखनऊ। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हरित क्रांति का आवाहन करते हुए तथा इस विषय में अपनी सक्रिय एवं सशक्त भूमिका का निर्वहन करते हुए, आज दिनांक 05 जून को उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के समस्त छोटे-बड़े स्टेशनों पर विश्व पर्यावरण दिवस को अत्यंत हर्ष एवं उत्साह के साथ मनाया गया।

“पर्यावरण है हम सबकी जान,इसलिए करो इसका सम्मान” की सूक्ति पर आधारित इस कार्यक्रम का प्रमुख आयोजन लखनऊ स्थित मंडलीय कार्यालय के सभागार में किया गया, जिसमें इस कार्यक्रम के प्रेरणास्त्रोत मंडल रेल प्रबंधक, सुरेश कुमार सपरा ने स्वयं उपस्थित रहकर समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए एवं इस दिशा में सभी से अपना अपना योगदान प्रदान करने की अपेक्षा करते हुए सभी को पर्यावरण संबंधी शपथ दिलाई तथा हरित क्रांति और अनुकूल पर्यावरण को बढ़ावा देने संबंधी अनेक बिन्दुओं पर गंभीरतापूर्वक मंथन तथा विचार -विमर्श किया गया।

तदोपरांत कार्यक्रम के अगले चरण में मंडल रेल प्रबंधक द्वारा वृक्षारोपण किया गया जिसमे मंडल के अन्य शाखाध्यक्ष एवं अधिकारियों ने भी अपनी अपनी सहभागिता प्रदान की।

इसी क्रम में अध्यक्षा, उत्तर रेलवे महिला कल्याण संगठन, लखनऊ, श्रीमती नीतू सपरा द्वारा एवं संगठन की अन्य पदाधिकारियों ने उत्तर रेलवे के अधिकारी क्लब ‘साकेत’ में सामूहिक रूप से वृक्षारोपण किया तथा लखनऊ स्थित मंडलीय चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ0 जगदीश चन्द्रा ने सभी चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ को पर्यावरण की शपथ दिलाई एवं वृक्षारोपण कार्य किया गया।

वाराणसी जं० (कैंट) स्टेशन पर अपर मंडल रेल प्रबंधक, वाराणसी द्वारा उपस्थित रेल कर्मियों को पर्यावरण की शपथ दिलाई गई एवं वृक्षारोपण का कार्य किया गया एवं अंगूठा हस्ताक्षर अभियान चलाकर यात्री सहित आमजन को भी इस कार्यक्रम के प्रति जागरूक करते हुए जोड़ने का प्रयास किया गया।

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक ने पर्यावरण को सृष्टि का आधार की संज्ञा देते हुए अवगत कराया कि पर्यावरण का उचित संतुलन ही स्वस्थ एवं आदर्श जीवन की आधारशिला है।

उन्होंने बताया कि वृक्षों को संरक्षण देकर,उनका उचित पोषण करके एवं हरियाली की दिशा में अपना सक्रिय योगदान देकर ही पर्यावरण के संतुलन को स्थापित किया जा सकता है।

उन्होंने मंडल के प्रत्येक स्थल एवं स्थान को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विशेष बल देते हुए समस्त कर्मचारियों का आवाहन किया एवं उनसे अपेक्षा की कि वे सभी अपने रेल कार्य के दौरान आने जाने वाले यात्रियों को पर्यावरण के विषय में जागरूक करते हुए यात्रियों के बीच पर्यावरण के सन्देश को प्रसारित-प्रचारित करने का कार्य करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का संवहन करें,ताकि सभी के सम्मिलित प्रयासों से इस विश्वव्यापी हरित क्रांति आन्दोलन के समस्त उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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