Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

खुशखबरी: सस्ते हो सकते हैं इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, 80 प्रतिशत तक घटे कलपुर्जों के दाम

Published

on

Electronic products can be cheap

Loading

नई दिल्ली। अगर आप टीवी, कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदने जा रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। कंपनियां इन उत्पादों के दाम जल्द घटा सकती हैं। दरअसल, पिछले 12 महीने से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग में कमी आई है।

वहीं, कोविड काल में रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची माल ढुलाई की लागत अब घटकर करीब 10 फीसदी रह गई है। इसके साथ ही इन उत्पादों से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कीमतों में भी 60-80 फीसदी तक की गिरावट आई है। यही कारण है कि कंपनियां अब मांग बढ़ाने के लिए इस त्योहारी सीजन में ग्राहकों के लिए कीमतें घटा सकती हैं।

इसलिए पड़ा मांग पर असर

भारत में टीवी, मोबाइल फोन के कैमरे, चिप जैसे उत्पादों की मांग पिछले साल की दिवाली के बाद से कम हो गई है, क्योंकि ग्राहकों ने ज्यादा महंगाई, ब्याज दरों में वृद्धि और तकनीकी क्षेत्र में नौकरी के नुकसान के कारण खर्च कम कर दिया है। जनवरी से मार्च तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में साल-दर-साल 16 फीसदी व कंप्यूटर बाजार में 30 फीसदी की गिरावट हुई है।

साढ़े छह लाख रुपये के मुकाबले माल ढुलाई 70 हजार तक आई

कोविड के दौरान चीन से कलपुर्जों की कंटेनरों से ढुलाई की लागत साढ़े छह लाख रुपये प्रति कंटेनर तक पहुंच गई थी। यह अब घटकर 70 हजार से 80 हजार रुपये तक रह गई है। साथ ही, सेमीकंडक्टर चिप और कैमरा मॉड्यूल सहित सभी स्मार्टफोन कलपुर्जों की कीमतें अब तक के निचले स्तर पर हैं।

सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों और माल ढुलाई की कीमतें लगभग उसी स्तर पर हैं, जितनी कोविड से पहले थीं। कुछ मामलों में मांग में वैश्विक गिरावट और कुछ देशों में मंदी के कारण भी कीमतें कम हो गई हैं।

बढ़ सकता है कंपनियों का लाभ मार्जिन

लागत घटने से इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का परिचालन लाभ मार्जिन भी बढ़ सकता है। डिक्सन टेक्नोलॉजीज, हैवेल्स और ब्लू स्टार जैसी कंपनियों ने पिछली तिमाही के वित्तीय परिणाम में यह संकेत दिया था कि इस साल उनके मार्जिन में सुधार की संभावना है।

ऐतिहासिक स्तर पर सेंसेक्स-निफ्टी

मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग, वित्तीय और पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में खरीदारी से सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचकर बंद हुए। सेंसेक्स 466.95 अंक चढ़कर 63,384.58 पर बंद हुआ। निफ्टी 137.90 अंक के साथ 18,826 पर बंद हुआ। एक दिसंबर, 2022 को सेंसेक्स 63,284.19 और निफ्टी 18,812.50 के ऐतिहासिक स्तर पर बंद हुआ था।

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending