नई दिल्ली। फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग को लेकर जारी विवाद के बीच खबर है कि फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे। बता दें श्री हनुमान जी के किरदार में दिखे देवदत्त नागे ने टपोरी भाषा के डायलॉग ‘जलेगी तेरे बाप की’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल को लेकर लोग बहुत आक्रोशित हैं जिसका नजारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देखने को मिल रहा है।
धार्मिक प्रवृत्ति की फिल्म में ऐसे डायलॉग को सुनने के बाद फिल्म की पटकथा व संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को खूब ट्रोल किया गया, जिन्होंने ये डायलॉग लिखे हैं। अब ‘आदिपुरुष’ को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है।
रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 18, 2023
बदले जाएंगे डॉयलॉग
मनोज मुंतशिर ने बताया कि फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे। उन्होंने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ”रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है।
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।”
लिखे गए अशोभनीय शब्द
उन्होंने आगे लिखा, ”मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे, वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे।
शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।”
सनातन पर कही ये बात
मनोज मुंतशिर ने सनातन धर्म के संदर्भ में ट्वीट में आगे लिखा, ”क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियाँ भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है।
मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे। हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।”
क्यों लिखा ये पोस्ट?
मनोज मुंतशिर ने आखिर में यह भी बताया कि उन्होंने ये पोस्ट क्यों लिखा है। उन्होंने कारण दिया कि लोगों की भावना से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं है। उन्होंने लिखा, ”मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इससे आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएँगे।”