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बिजनेस

जियो ने शुरू की 5G वेव स्पेक्ट्रम आधारित सेवा, उद्योगों को बनाएगी और भी ज़्यादा सक्षम

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Jio launches 5G

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मुंबई। रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड ने घोषणा की है कि स्पेक्ट्रम बैंड से जुड़े सभी लायसेंस सर्विस क्षेत्रों में रोल आउट की न्यूनतम ज़रूरतों को उसने पूरा कर लिया है। स्पेक्ट्रम लेते समय जियो ने वादा किया था कि वो 17 अगस्त, 2023 तक इस टार्गेट को पूरा कर लेगा, लेकिन अच्छी बात ये है कि तय समय-सीमा से पहले ही जियो ने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया।

19 जुलाई, 2023 को जियो ने फ़ेज़-1 इन ज़रूरतों को पूरा कर लिया था और 11 अगस्त को डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकम्युनिकेशंस ने इसे सभी सर्कल्स में टेस्ट भी कर लिया था।

जियो ने लो बैंड, मिड बैंड और एमएम वेव स्पेक्ट्रम के कोम्बिनेशन को हासिल कर लिया है और डीप-फ़ाइबर नेटवर्क और स्वदेशी टेक्नोलोजी से बने प्लेटफ़ॉर्म को साथ जोड़ते हुए जियो को हर नागरिक तक 5G पहुँचाने के अपने वादे को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

जियो का स्पेक्ट्रम फ़ुटप्रिंट देश में सबसे मज़बूत है। मिलीमीटर वेव बैंड (26 गीगा हर्ट्ज़) में जियो के पास 1000 मेगाहर्ट्ज़ सभी 22 सर्कल में उपलब्ध है। इनके बल पर जियो, एंटरप्राइज़ के लिए सबसे दमदार सेवा दे सकता है और साथ ही ये उच्च कोटि की स्ट्रीमिंग सेवाएँ भी दे सकता है।

जियो के इंजीनियर दिन-रात दुनिया के सबसे तेज़ 5G रोल आउट को सफल बनाने के काम में जुटे हुए हैं। जियो, भारत के 77वें स्वाधीनता दिवस पर “आज़ादी के अमृतकाल” में एमएम-वेव पर आधारित जियो ट्रू 5G की बिज़नस कनेक्टिविटी देश को सौंप रहा है।

जियो का मानना है कि एमएम-वेव स्पेक्ट्रम के साथ-साथ स्टैंडअलोन टेक्नॉलोजी के चलते वह ट्रू 5G की बिज़नेस-कनेक्टिविटी लाखों छोटे, मझोले और बड़े एंटरप्राइज को दे सकेगा।

इस अवसर पर रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन आकाश अंबानी मे कहा,  “भारत सरकार, डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकम्युनिकेशंस और देश के 140 करोड़ लोगों से हमने तेज़ी से 5G रोल आउट करने का वादा किया था। आज हम गर्व के साथ ये कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे तेज़ रोल आउट करते हुए हमने भारत को अग्रणी श्रेणी में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। साथ ही हमने 5G की न्यूनतम शर्तें पूरा करने के टार्गेट को भी पूरा कर लिया है।

पिछले साल, 5 अगस्त को हमें 5G स्पेक्ट्रम मिला था. तभी से हमारी टीम दिन-रात मेहनत करके ये कोशिश कर रही है कि इस साल के अंत से पहले देश के कोने-कोने में बसे सभी नागरिकों तक 5G सेवाएँ पहुंचाईं जा सकें। ये दुनिया का सबसे तेज़ 5G रोलआउट है जो विश्व के 5G मैप पर भारत को अग्रणी स्थान दिलाएगा।

5G एमएम वेव का मतलब है ज़्यादा बैंडविड्थ और कम लेंटेंसी। कुल मिलाकर एक बेहतरीन इंटरनेट अनुभव। इमर्जिंग टेक्नॉलोजी और अत्याधुनिक एप्स पर काम कर रहे उद्योग ये महसूस करेंगे कि इससे पहले किसी भी वायरलेस नेटवर्किंग टेक्नॉलोजी में वो बात नहीं थी जोकि अब जियो दे रहा है।

एमएम वेव सोल्यूशंस से लीज़ लाइन सेवाओं के व्यवसाय में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी क्योंकि जियो बेहतर फ़िक्सड लाइन सेवाएं देते हुए लाखों छोटे और मंझोले उद्योगों को दमदार कनेक्टिविटी और शानदार प्रदर्शन की सौगात देगा। आपको ये जानकर खुशी होगी कि ये स्पेक्ट्रम 2GBPS की अल्ट्रा-हाई-स्पीड वाला ब्रॉडबैंड देगा।“

मिलिमीटर वेव टेक्नॉलोजी का सीधा अर्थ है- वो 5G स्पीड जो अभी तक आपने नहीं देखी है. चाहे पुराने एप हों या नए, जियो करोड़ों डिवाइस को वो स्पीड देगा जिसके ज़रिए आप अपने काम को कहीं बेहतर तरीके से कर सकेंगे। भारी डेटा पैकेट और ढेरों प्रकार की जानकारी चुटकियों में इस स्पेक्ट्र्म से आप तक पहुँच सकेगी। इससे देश के लाखों छोटे और मंझोले बिज़नेस हमेशा के लिए बदल जाएँगे और सफलता इनके क़दम चूमेगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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