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चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की दूसरी बार डिबूस्टिंग सफल, अब चंद्रमा पर लैंडिंग ही लक्ष्य

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Second deboosting of Chandrayaan-3

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नई दिल्ली। भारत का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने आज अपने दूसरे और अंतिम डी-ऑर्बिटिंग को पूरा कर लिया। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर यह जानकारी दी।

चांद की नई निकटतम कक्षा में स्थापित हुआ लैंडर

ISRO ने बताया कि लैंडर विक्रम ने खुद को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर लिया है जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु 25 किमी और सबसे दूर 134 किमी है। इसरो ने कहा है कि इसी कक्षा से यह बुधवार को चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा।

23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सकता है लैंडर

इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल के लिए दूसरा डी-ऑर्बिटिंग आज (20 अगस्त, 2023) को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। अब लैंडर मॉड्यूल की कक्षा 25 किमीx 134 किमी है। इसरो ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल (एलएम) उम्मीद के मुताबिक सही तरह से काम कर रहा है। लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त, 2023 को 17:30-18:30 बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है।

बता दें कि चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल और लैंडर माड्यूल को गुरुवार को अलग किया गया था। भारत के चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डी-बूस्टिंग ऑपरेशन आज सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। लैंडर विक्रम ने खुद को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर लिया है, जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु 25 किमी और सबसे दूर 134 किमी है।

14 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3

उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इसने 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश किया था। इसरो चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए प्रयास कर रहा है, जिससे भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

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दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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